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Delhi Election Result: कौन हैं तरविंदर सिंह मारवाह, जिसने जंगपुरा से मनीष सिसोदिया को भी दे दी मात

Updates of Delhi Assembly Elections Results 2025: भाजपा में शामिल होने से पहले मारवाह लंबे समय तक कांग्रेस नेता और जंगपुरा से तीन बार विधायक रह चुके हैं. 2022 में उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात के लिए समय नहीं मिलने की शिकायत की. उसी वर्ष बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए.

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Delhi Assembly Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. हालत ये हुई कि आतिशी को छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) समेत सभी वरिष्ठ नेता को हार का मुंह देखना पड़ा. इसी कड़ी में पटपड़गंज (Patparganj) से सीट बदलकर  जंगपुरा (Jangpura) पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री और दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाने वाले मनीष सिसोदिया (manish Sisodia) को भी हार का मुंह देखना पड़ा. उन्हें भाजपा (BJP) के तरविंदर सिंह मारवाह (Tarvinder Singh Marwah) ने 675 वोटों से से मात दी.

ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आखिर कौन हैं मारवाह जिन से तीन बार के विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी हार गए. दरअसल, मारवाह एक कांग्रेसी दिग्गज थे. भाजपा में शामिल होने से पहले मारवाह लंबे समय तक कांग्रेस नेता और जंगपुरा से तीन बार विधायक रह चुके हैं. 2022 में उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात के लिए समय नहीं मिलने की शिकायत की. उसी वर्ष बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए. इसके तुरंत बाद भाजपा मुख्यालय में बोलते हुए, उन्होंने राहुल गांधी को 'राजा' और सोनिया गांधी को 'महारानी' कहकर संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेतृत्व पर कटाक्ष किया था.

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इतनी इमारतों के मालिक हैं मारवाह

चुनाव आयोग में दायर उनके हलफनामे के अनुसार, मारवाह एक व्यवसायी हैं और उनके पास कई किराये की संपत्तियां हैं. उनके और उनकी पत्नी सुरिंदरपाल कौर मारवाह के नाम पर 13 व्यावसायिक और 12 आवासीय इमारतें हैं. वहीं, उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला लंबित है.

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राहुल गांधी को धमकी देकर आए थे सुर्खियों में

वह एक कॉलेज ड्रॉपआउट हैं. उन्होंने अपने प्रथम वर्ष तक दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज में अध्ययन किया था.
2024 में मारवाह को उस समय विवादों का सामना करना पड़ा था, जब कांग्रेस ने उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी थी. शिकायत में उनका उल्लेख किया गया था और कहा गया था कि उन्होंने 11 सितंबर को गांधी के खिलाफ खुलेआम हत्या की धमकी दी थी. शिकायत के मुताबिक मारवाह ने कहा था कि अगर राहुल गांधी ने अपने तरीके नहीं सुधारे, तो उनका भी वही हश्र होगा, जो उनकी दादी इंदिरा गांधी का हुआ था.

हमला करने के मामले में हो चुके हैं बरी

2021 में दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2016 में पटियाला हाउस कोर्ट परिसर के बाहर पूर्व सीपीआई सदस्य अमीके जामई पर कथित रूप से हमला करने के मामले में मारवाह और पूर्व भाजपा विधायक ओपी शर्मा को बरी कर दिया.

मारवाह के चुनावी मुकाबले

कांग्रेस के साथ अपने कार्यकाल के दौरान, मारवाह ने 1998 में 51.47% वोट शेयर हासिल करते हुए 28,384 वोटों के साथ जंगपुरा सीट जीती थी. तब उन्होंने भाजपा के बीर बहादुर 16,465 वोटों से हराया था. मारवाह 2003 में भी 32,937 वोटों से जीते थे. तब उन्होंने भाजपा के कुलदीप सिंह भोगल को हराया था, जिन्होंने 12,710 वोट हासिल किए थे. इस बार मारवाह ने 6.88% अधिक वोट शेयर के साथ जीत हासिल की है.

2008 में उनका वोट शेयर घटकर 57% हो गया, लेकिन तब भी मारवाह 37,261 वोटों के साथ अपराजित रहे. तब उन्होंने बीजेपी के मनजिंदर सिंह सिरसा को हराया था, जो 23,310 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे.

2013 में मारवाह का आम आदमी पार्टी के मनिंदर सिंह धीर से कड़ा मुकाबला हुआ था. इस चुनाव में वह 27,957 वोटों के साथ दूसरा स्थान रहे, जबकि धीर ने 29,701 वोटों के साथ जीत हासिल की थी.

2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें सिर्फ 22,662 वोट मिले थे. तब आप के प्रवीण कुमार ने जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में 43,927 वोटों से जीत हासिल की थी.

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इस बार पटपड़गंज से जंगपुरा सीट बदलने वाले सिसोदिया को वह हराने में सफल रहे. सिसोदिया अपनी हार भी स्वीकार कर ली है. उन्होंने  उम्मीद जताई है कि भाजपा क्षेत्र में लोगों के कल्याण के लिए काम करेगी. उन्होंने कहा कि मैं जीतने वाले उम्मीदवार को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे जंगपुरा के लोगों की प्रगति और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

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