Ahmedabad Plane Crash: गुजरात में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 का क्रैश अब केवल एक हादसा नहीं रहा, बल्कि यह देश के एविएशन सिस्टम,आपदा प्रबंधन और तकनीकी तैयारियों की परख बन गया है. तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन न विमान की विफलता की पूरी तस्वीर सामने आई है, न ही अधिकांश मृतकों की पहचान सुनिश्चित हो पाई है. विशेषज्ञों के अनुसार हड्डियां, दांत और बोन मैरो ये जले हुए शरीर की पहचान के लिए सबसे निर्णायक साबित हो रहे हैं.
पूरे राज्य में शोक
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के बेटे ऋषभ रूपाणी भी शनिवार सुबह पांच बजे गांधीनगर पहुंचे और अब मेडिकल कॉलेज स्थित कसौटी भवन में DNA परीक्षण के लिए पहुंचेंगे. उधर राजकोट में 700 से ज्यादा स्कूल बंद रहे, जहां नागरिकों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी.
पहचान बनी बड़ी चुनौती
इस हादसे का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 50% से अधिक शव बुरी तरह झुलस गए हैं. नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) और FSL की टीमें अब DNA जांच के जरिए शवों की पहचान करने में जुटी हैं.
अब तक 250 शवों के नमूने लिए जा चुके हैं, जबकि 138 परिवारों के सैंपल भी टेस्टिंग यूनिट पहुंच चुके हैं.कई मामलों में एक शव के लिए 2-3 परिजनों के सैंपल लिए जा रहे हैं ताकि क्रॉस वेरिफिकेशन मुमकिन हो सके.
पुलिस का घेरा, परिजनों की पीड़ा
DNA सैंपलिंग के लिए गांधीनगर स्थित टेस्टिंग सेंटर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. डॉक्टरों और मृतकों के परिजनों को ही प्रवेश मिल रहा है.अब तक 230 से अधिक सेंपल लिए जा चुके हैं,लेकिन विदेशी और दूसरे राज्यों से संबंधित शवों की पहचान अभी भी अटकी हुई है.
अब सरकार ने जांच के मोर्चे पर बड़ा कदम उठाया है. एक हाई-लेवल मल्टी डिसिप्लीनरी कमेटी गठित की गई है, जो न सिर्फ हादसे की तह तक जाएगी, बल्कि भविष्य की उड़ानों को सुरक्षित बनाने के लिए नए प्रोटोकॉल पर मंथन करेगी.
आपातकालीन SOP की समीक्षा ज़रूरी
जांच समिति मौजूदा SOPs और इमरजेंसी रिस्पॉन्स गाइडलाइंस की समीक्षा करेगी. यह स्पष्ट किया गया है कि यह जांच DGCA जैसी एजेंसियों की तकनीकी जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगी, बल्कि नीतिगत बदलावों की सिफारिश करेगी. राजनीतिक स्तर पर भी सक्रियता देखने को मिली है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अहमदाबाद पहुंचने वाले हैं. वे पीड़ित परिवारों से मिलेंगे और हादसे की जमीनी स्थिति का निरीक्षण करेंगे.
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