तिल का तेल: बालों से लेकर हड्डियों तक के लिए है वरदान, हर बूंद में छिपा है सेहत और सुंदरता का रहस्य

सर्दी-खांसी में तिल के तेल में अजवाइन डालकर छाती और पीठ की मालिश करने से बलगम ढीला होता है और सांस लेने में राहत मिलती है. जोड़ों के दर्द में तिल का तेल गर्म करके उसमें हल्दी मिलाकर लगाने से सूजन और अकड़न में राहत मिलती है.

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भारतीय परंपरा और मानव स्वास्थ्य विज्ञान में तिल का तेल महत्वपूर्ण स्थान रखता है. आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ, चरक संहिता, में इसे 'सर्वश्रेष्ठ तेल' बताया गया है. यह मुख्य रूप से वात और कफ दोषों को संतुलित करता है, जो इसे शरीर के अधिकांश कार्यों के लिए आदर्श बनाता है. साथ ही, यह शरीर को अपेक्षित ऊष्मा भी प्रदान करता है.

इसके नियमित उपयोग को दीर्घायु, चमकदार त्वचा, तथा मजबूत हड्डियों का मूल मंत्र माना गया है. यह सिर्फ शरीर को पोषण ही नहीं देता, बल्कि आंतरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर रोगों से लड़ने के लिए एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच भी प्रदान करता है. संक्षेप में, तिल का तेल सिर्फ एक खाद्य तेल नहीं, बल्कि एक पूर्ण औषधीय और पौष्टिक आधार है.

बालों के झड़ने की समस्या में यह तेल है बेहद प्रभावी

तिल के तेल में मेथी दाना डालकर गर्म करने के बाद उससे सिर की मालिश करने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और रूसी की समस्या कम होती है. त्वचा की देखभाल में भी तिल का तेल प्राकृतिक मॉइश्चराइजर का काम करता है. रात में गुनगुना तेल चेहरे पर लगाने से त्वचा की नमी बरकरार रहती है, झुर्रियां कम होती हैं और चेहरा चमकदार दिखता है.

सर्दी-खांसी में फायदेमंद है तिल का तेल

सर्दी-खांसी में तिल के तेल में अजवाइन डालकर छाती और पीठ की मालिश करने से बलगम ढीला होता है और सांस लेने में राहत मिलती है. जोड़ों के दर्द में तिल का तेल गर्म करके उसमें हल्दी मिलाकर लगाने से सूजन और अकड़न में राहत मिलती है.

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दांतों और मसूड़ों को भी करता मजबूत

आयुर्वेदिक पद्धति ऑयल पुलिंग में भी तिल का तेल अत्यंत लाभकारी है. सुबह खाली पेट एक चम्मच तेल को मुंह में 2-3 मिनट तक घुमाकर थूक देने से दांतों और मसूड़ों की मजबूती बढ़ती है तथा मुंह की दुर्गंध दूर होती है. नींद की समस्या वाले लोगों के लिए रात में सिर और तलवों में तिल का तेल लगाने से मन शांत होता है और नींद गहरी आती है. बच्चों की मालिश के लिए यह सबसे सुरक्षित तेल माना जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.

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सर्दियों में तिल का तेल अमृत समान है. इसकी गर्म तासीर शरीर को ठंड से बचाती है, स्किन ड्राइनेस को कम करती है और रक्त संचार को बेहतर बनाती है. वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो तिल का तेल एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है. इसमें विटामिन के, लेसिथिन, टायरोसिन और सेसामोल जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता, हड्डियों की मजबूती और दिल की सेहत के लिए लाभकारी है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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