शिक्षक दिवस पर निर्माता सुभाष घई ने ओशो को किया याद

Subhash Ghai : ओशो का असली नाम रजनीश चंद्र मोहन जैन था. ओशो 20वीं सदी के महान आध्यात्मिक गुरु थे. वह एक विवादों में रहने वाले गुरु थे. जिन्होंने कभी भी संगठित धर्म को स्वीकार नहीं किया.

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subhash ghai

Subhash Ghai : बॉलीवुड फिल्ममेकर सुभाष घई (Subhash Ghai) ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने मित्रों और आध्यात्मिक गुरु ओशो (Osho) को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर ओशो की फोटो पोस्ट की है और उनके विचारों को व्यक्त किया है. सुभाष ने अपने इंस्टाग्राम पर कहा है कि मेरे मित्र और शिक्षक ओशो पिछले चार 40 सालों से मुझे जीवन, ऊर्जा और सत्य के पीछे के दर्शन से प्रेरित कर रहे हैं. ओशो कहते थे कि मेरी बात सुनो, लेकिन मेरा अनुसरण मत करो. बस स्वयं को जानो, शिक्षा दिवस पर मैं ओशो को नमन करता हूं. जो भारत को एक नए विचारों के साथ आगे बढ़ाते हैं.

कौन थे ओशो

ओशो का असली नाम रजनीश चंद्र मोहन जैन था. ओशो 20वीं सदी के महान आध्यात्मिक गुरु थे. वह एक विवादों में रहने वाले गुरु थे. जिन्होंने कभी भी संगठित धर्म को स्वीकार नहीं किया. उनका मानना है कि आध्यात्मिक अनुभव को किसी धार्मिक ढांचे में नहीं बांधा जा सकता. दुनिया भर में उनके लाखों चाहने वाले हैं जो उनके विचारों से प्रेरित हैं. इससे पहले भी निर्देशक मुंबई के रोटरी क्लब के एक कार्यक्रम में आए थे. जहां उन्होंने सेंसरशिप के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी थी. उन्होंने सिनेमा और अन्य कला के लिए सेंसरशिप को जरूरी बताया था.

पोस्ट में ये कहा

सुभाष भाई ने कार्यक्रम की फोटोज इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके लिखा था कि जैसे परिवार में बच्चों को यह सिखाया जाता है कि क्या देखना चाहिए और क्या बोलना चाहिए. वैसे ही सिनेमा और अन्य चीजों पर सेंसरशिप जरूरी है जैसे ट्रैफिक लाइट्स सड़क पर व्यवस्था बनाए रखती हैं. वैसे ही समाज में सामाजिक मूल्यों को सुरक्षित रखने के लिए मर्यादा बहुत जरूरी होती है. हम सब एक परिवार की तरह हैं और परिवार में कुछ नियम भी होते हैं.

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