मिलाप जवेरी से लेकर हिमांशु शर्मा तक, जिनकी फिल्मों ने दिखाया बॉक्स ऑफिस पर कमाल

Hits Films In 2025 : भावनाओं से भरपूर कहानियों के लिए पहचाने जाने वाले मिलाप जवेरी ने एक दीवाने की दीवानियत के जरिए रोमांस को उसके सबसे उग्र और कच्चे रूप में पेश किया.

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Hits Films In 2025 : साल 2025 की प्रेम कहानियां न तो क्लिशे पर टिकी थीं और न ही सुरक्षित दायरों में सिमटी रहीं. इस साल की लव स्टोरीज ने जुनून, असुरक्षा, दूसरे मौकों और बदलते रिश्तों को गहराई से टटोला. कहीं दर्द भरा इश्क था, तो कहीं सादगी में छुपी सच्चाई. इन लेखकों ने अपने दमदार लेखन से पर्दे पर प्यार की परिभाषा ही बदल दी और दर्शकों के दिलों को गहराई से छू लिया.

मिलाप जवेरी – एक दीवाने की दीवानियत

भावनाओं से भरपूर कहानियों के लिए पहचाने जाने वाले मिलाप जवेरी ने एक दीवाने की दीवानियत के जरिए रोमांस को उसके सबसे उग्र और कच्चे रूप में पेश किया. यह फिल्म प्यार को एक सर्वग्रासी शक्ति के तौर पर दिखाती है, तीव्र, बेकाबू और बेहद जुनूनी. सजे-संवरे रोमांस से हटकर, मिलाप जवेरी ने जुनून, दर्द और भावनात्मक समर्पण को खुलकर सामने रखा. यह याद दिलाते हुए कि प्यार हमेशा कोमल नहीं होता, कभी-कभी वह तबाही जैसा भी होता है.

संकल्प सदनाह – सैयारा

सैयारा के साथ संकल्प सदनाह ने एक सोलफुल और समकालीन प्रेम कहानी गढ़ी, जिसने खास तौर पर युवा दर्शकों को गहराई से जोड़ा. तकदीर और भावनात्मक संयम पर आधारित यह फिल्म बिना शोर-शराबे के, शांत लेकिन असरदार तरीके से प्यार को सामने लाती है. इसकी गीतात्मक संवेदना और ईमानदार भावनाएं इसे साल की सबसे चर्चित रोमांटिक कहानियों में शामिल करती हैं. यह साबित करते हुए कि सूक्ष्म कहानी कहने की ताकत सबसे ज़्यादा देर तक असर छोड़ती है.

हिमांशु शर्मा – तेरे इश्क में

हिमांशु शर्मा की तेरे इश्क में प्यार, जुनून और भावनात्मक निर्भरता की परतदार पड़ताल के लिए खास रही. लेखक-निर्माता हिमांशु शर्मा ने एक ऐसी प्रेम कहानी रची जो असहज होने के बावजूद बेहद प्रभावशाली है. जहां चाहत और आत्म-विनाश के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है. आदर्श प्रेम की अवधारणा पर सवाल उठाती यह कहानी रिश्तों को उनके असली, खामियों से भरे और डरावने रूप में दिखाती है, जिसे आलोचकों ने खूब सराहा.

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लव रंजन – दे दे प्यार दे 2

लव रंजन ने दे दे प्यार दे 2 में अपने चिर-परिचित अंदाज में वापसी की, लेकिन इस बार एक परिपक्व दृष्टिकोण के साथ. हास्य और भावनात्मक समझ का संतुलन बनाते हुए, फिल्म आधुनिक रिश्तों, उम्र के अंतर और दूसरे मौकों को ईमानदारी और हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करती है. रंजन की संवादात्मक लेखन शैली ने प्यार को सहज बनाया, जहां हंसी और भावनाएं साथ-साथ चलती हैं.

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