Bollywood News: कुछ फिल्ममेकर सिर्फ फिल्में बनाते हैं, और कुछ ऐसे होते हैं जो सपनों का पीछा करते हुए भारतीय सिनेमा की परिभाषा को नया रूप देते हैं. सामाजिक मुद्दों से लेकर रूमानी म्यूजिकल्स तक, इन महिला फिल्ममेकर्स ने अपनी अनोखी सोच से सिनेमा की दुनिया में क्रांति ला दी है.
अश्विनी अय्यर तिवारी (Ashwiny Iyer Tiwari)
निर्देशक, लेखक और निर्माता अश्विनी अय्यर तिवारी ने नील बटे सन्नाटा, बरेली की बर्फी, पंगा, टारला और बवाल जैसी फिल्मों के जरिए महिलाओं के जीवन के अलग-अलग पहलुओं को उभारा है. उनकी कहानियां न केवल समय से आगे की सोच को दर्शाती हैं, बल्कि भावनात्मक रूप से दर्शकों को झकझोर देती हैं.
मानसी बगला (Mansi Bagla)
चुनिंदा और सोच-समझकर फिल्में बनाने वाली निर्माता मानसी बगला ने फॉरेंसिक जैसी थ्रिलर बनाई, जिसने दर्शकों को अंत तक बांधकर रखा. 'फॉरेंसिक' शब्द जो पहले सिर्फ सीआईडी में सुना जाता था, इस फिल्म के बाद आम भाषा का हिस्सा बन गया. हाल ही में उन्होंने रूमानी म्यूजिकल आंखों की गुस्ताखियां बनाई, जिसमें न सिर्फ 90s के रोमांस की खूशबू है बल्कि एक दृष्टिहीन हीरो को नायक के रूप में दिखाकर एक बड़ी सोच को सामान्य बनाया.
प्रज्ञा कपूर (Pragya Yadav)
नए दौर की निर्माता प्रज्ञा कपूर ने केदारनाथ, चंडीगढ़ करे आशिकी, माली और आजाद जैसी फिल्मों का निर्माण किया है. चाहे सामाजिक संदेश वाली कहानी हो, सच्ची घटनाओं पर आधारित स्क्रिप्ट या फिर फैंटेसी वर्ल्ड, प्रज्ञा की हर फिल्म दर्शकों को एक नई दुनिया में ले जाती है.
गुनीत मोंगा (Guneet Monga)
ऑस्कर विजेता फिल्ममेकर गुनीत मोंगा ने द एलिफेंट व्हिस्परर्स, किल, पेडलर्स, द लंचबॉक्स, मसान, कटहल जैसी फिल्मों के जरिए भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है. वो मसाला फिल्मों के पीछे नहीं दौड़तीं, बल्कि जड़ से जुड़ी कहानियों को सामने लाकर दिलों को छूती हैं.
एकता कपूर (Ekta Kapoor)
टेलीविजन से लेकर फिल्मों तक एकता कपूर भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की सबसे प्रभावशाली महिला चेहरों में से एक हैं. द साबरमती रिपोर्ट, ड्रीम गर्ल 2, द बकिंघम मर्डर्स और फ्रेडी जैसी फिल्मों के जरिए उन्होंने अलग-अलग जॉनर में दर्शकों को जोड़कर रखा है.
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