Abhishek Bachchan Exclusive: 'मुझे एक्सपेरिमेंटल शब्द से घिन आती है, मैं कोई साइंस प्रोजेक्ट नहीं..'

Abhishek Bachchan With NDTV: जब अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि कालीधर कहां लापता हो गए? इस बात का अभिषेक बच्चन ने मजाक में जवाब दिया कि अगर उन्हें पता होता कि कहां लापता हो गए तो वह लापता नहीं रहते ना. इसके अलावा अगर मैं आपको फिल्म के बारे में बता दूंगा तो आप फिल्म को क्यों देखेंगे.

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Abhishek Bachchan With NDTV

Abhishek Bachchan With NDTV: बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) के लिए यह साल बहुत अच्छा है. क्योंकि उनकी बैक टू बैक फिल्में रिलीज हो रही हैं. अभी कुछ दिनों पहले हाउसफुल 5 (Housefull 5) सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. जिसको दर्शकों का बहुत प्यार मिला. अब वह अपनी आने वाली फिल्म कालीधर लापता (Kaalidhar Laapata) को लेकर सुर्खियों में हैं. उनकी यह फिल्म 4 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हो रही है. इस मौके पर अभिषेक बच्चन फिल्म के प्रमोशन के लिए भोपाल आए. जहां उन्होंने NDTV से बात की और अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ पर्सनल लाइफ के बारे में काफी कुछ कहा.

कालीधर कहां लापता हो गए ?

जब अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि कालीधर कहां लापता हो गए? इस बात का अभिषेक बच्चन ने मजाक में जवाब दिया कि अगर उन्हें पता होता कि कहां लापता हो गए तो वह लापता नहीं रहते ना. इसके अलावा अगर मैं आपको फिल्म के बारे में बता दूंगा तो आप फिल्म को क्यों देखेंगे.

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जब नाराज हुए अभिषेक बच्चन 

जब अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि हम आपको एक्सपेरिमेंटल एक्टर कह सकते हैं क्या ? क्योंकि आप हर एक फिल्म में अलग-अलग किरदार निभा रहे हैं. इस बात का जवाब देते हुए एक्टर ने कहा कि आप मुझे एक्सपेरिमेंटल क्यों कहेंगे ? मैं कोई साइंस प्रोजेक्ट नहीं हूं. मुझे यह एक्सपेरिमेंटल शब्द से घिन आती है. हमारा काम है कुछ अलग करें. अगर मैं हर एक फिल्म में एक ही किरदार निभाऊंगा तो दर्शक बोर हो जाएंगे. अगर कोई एक्टर अलग-अलग किरदार करने की कोशिश कर रहा है तो उसको एक्सपेरिमेंटल नहीं कहेंगे. मुझे एक्सपेरिमेंटल शब्द से डर लगता है. एक्सपेरिमेंटल सिर्फ साइंस क्लास के लिए है. आर्ट में एक्सपेरिमेंटल नहीं होता है.

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क्या हिंदी भाषा विरासत में मिली ?

जब अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि क्या आपको हिंदी भाषा विरासत में मिली है? इसका अभिषेक बच्चन ने जवाब दिया कि हां यह आप कह सकते हैं. क्योंकि हमारे घर का जो माहौल था वह ऐसा ही रहा था. हमको घर में यह हिंदी भाषा सुनाई देती थी. हमारे घर का जो माहौल था वह लिटरेचर और फिल्मों का था.

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भोपाल की बचपन की यादों को किया ताजा 

अभिषेक बच्चन ने अपनी बचपन की यादों के बारे में कहा कि हम हर साल भोपाल नाना-नानी से मिलने के लिए आते थे. नाना के गुजरने के बाद आज भी मैं नानी से मिलने के लिए भोपाल आता हूं. भोपाल आकर मुझे बहुत सुकून मिलता है. मैं मुंबई का रहने वाला हूं, मुंबई एक मेट्रो सिटी है, वहां बहुत शोर होता है. भोपाल में आपको बहुत ही नॉर्मल लाइफ जीने के लिए मिलती है. इसलिए मुझे यहां बहुत अच्छा लगता है.

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