Bhopal AIIMS में हो रही रिसर्च, जानिए AI कैसे करेगा मदद?

वर्तमान में एम्स, भोपाल में 100 से अधिक रिसर्च कार्य चल रहे हैं. विभिन्न रिसर्च वर्क्स और उनकी स्थिति पर एक लंबी रिपोर्ट भी इस शो में पेश की गई. इसके अलावा एम्स, भोपाल द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अलावा इंटीग्रेटिव हेल्थकेयर सिस्टम यानी भारतीय और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के बारे में भी बताया गया.

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Bhopal: भोपाल एम्स में शनिवार  को रिसर्च शो केस का एक भव्य आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में प्रो. (डॉ.) सुनील कुमार गुप्ता, कुलपति, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल (University Institute of Technology RGPV), प्रो. (डॉ.) अब्बास अली मेहदी, कुलपति, इरा यूनिवर्सिटी, लखनऊ, प्रो. (डॉ.) रबीनारायण आचार्या, डायरेक्टर जर्नल, केंद्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद (The Central Council for Research in Ayurvedic Sciences), नई दिल्ली मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. कार्यक्रम में कई ऐसी गंभीर बीमारियों पर की जा रही रिसर्च रिपोर्ट पेश की गई, जो आज भी मेडिकल साइंस में चैलेंज बनी हुईं हैं.

वर्तमान में एम्स, भोपाल में 100 से अधिक रिसर्च कार्य चल रहे हैं. विभिन्न रिसर्च वर्क्स और उनकी स्थिति पर एक लंबी रिपोर्ट भी इस शो में पेश की गई. इसके अलावा एम्स, भोपाल द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अलावा इंटीग्रेटिव हेल्थकेयर सिस्टम यानी भारतीय और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के बारे में भी बताया गया. इस अवसर पर एम्स, भोपाल के मेडिकल जर्नल: फ्यूचर हेल्थ के अतिरिक्त कैंसर में हाइपोक्सिया, कैंसर थेरेपी में महत्व और प्रभाव पुस्तक का विमोचन किया गया.

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एम्स के डॉक्टर आदर्श श्रीवास्तव ने बताया कि AI पर एम्स पर करीब 1 दर्जन प्रोजेक्ट्स चल रहें हैं और उन सभी प्रोजेक्ट्स में हम हमारे देश की जो ताकत है नंबर ऑफ पॉपुलेशन हैं उसको ध्यान में रख कर डाटा सेट तैयार कर रहे हैं जो कि भारतीय जनता का रिप्रेजेंटिव डाटा सेट हो.. उसको तैयार कर रहे हैं.

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जहां पर किसी को डिगोनोसिस्ट है, जहां पर जांच के उपकरण नहीं हैं. जहां पर सारी फैसिलिटी नहीं हैं. उस स्थिति में मरीज की एक फोटो लेकर या मरीज की जांचें मोबाइल ऐप में अपलोड करेगा.

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वहीं इंटीग्रेटिव हेल्थकेयर सिस्टम यानी भारतीय और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के बारे में डॉक्टर साई कत दास ने बताया कि भारतीय चिकत्सा प्रणाली का बहुत लंबे समय से महत्व है. 

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