यहां बंजर जमीन पर युवाओं ने तैयार कर दिये इतने पेड़, कोरोना का संकल्प ऐसे बन गई हरियाली की मुहिम..

New Concept of Tree Plantation: कोरोना काल में युवाओं ने कॉलेज की बंजर जमीन पर पेड़ लगाने का संकल्प लिया था और देखते ही देखते ये संकल्प एक मुहिम बन गया.

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फिंगेश्वर ब्लॉक में बंजर जमीन पर युवाओं ने तैयार किये 35 पेड़

CG News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद (Gariyaband) जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक में युवाओं की एक टोली ने पर्यावरण को बचाने के लिए अनोखी पहल शुरु की. इस पहल के तहत बंजर भूमि पर पेड़ लगाकर छायादार बना दिया. फिंगेश्वर की युवा टोली का ये पर्यावरणीय प्रयास लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. युवाओं ने ये पहल कोरोना काल के दौरान किया. यहां बंजर भूमि पर पेड़ लगाने की योजना बनाई. इस संकल्प को सफल बनाने में रवि साहू, जागेश्वर वर्मा, मोनू गुप्ता, रेवती रमन साहू, शशि साहू  समेत अन्य लोग शामिल हैं. इन सभी ने कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन में पेड़ लगाकर सही समय का इस्तेमाल किया. इन युवाओं ने इस पहल के लिए कॉलेज के मैदान का चुनाव किया गया और धीरे-धीरे वहां 35 पौधे लगा दिए.

 चंदा जोड़कर की पेड़ों की सुरक्षा

कॉलेज मैदान में पौधे लगाने के बाद इन युवाओं के पास पशुओं से पौधों को संरक्षित करने की चुनौती थी. इसके समाधान के लिए युवाओं की टोली ने एक स्थानीय अधिकारी से संपर्क साधा. युवाओं ने ट्री गार्ड की मांग की, लेकिन अधिकारी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि जिस बंजर जमीन पर उन्होंने पौधे लगाए हैं वहां पर रोपे गए पौधे ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकते हैं.

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अधिकारी की यह बात इन युवाओं की टोली को चुभ गई. उन्होंने पेड़ों को संरक्षित करने को चुनौती के रूप में लिया और फिर सबने मिलकर खुद रुपये जमा किये. इस काम में युवाओं ने अपने वार्ड वासियों की मदद ली और ट्री गार्ड की खरीदी की गई. ट्री गार्ड 35 पौधों में लगाने के बाद नियमित रूप से इनमें पानी डालने की शुरुआत की.

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पेड़ों के विकास के लिए अपनाया ये तरीका

पौधों में ड्रिप के माध्यम से पानी डालने की शुरूआत की

फिंगेश्वर के इन पर्यावरण प्रेमियों ने मिलकर कॉलेज के बंजर मैदान में पौधे तो लगा दिए थे. रोजाना 5 लीटर से अधिक पानी भी डाल रहे थे. पर लेटराइट भूमि होने के कारण पौधे बढ़ नहीं पा रहे थे. इस समस्या का समाधान करने के लिए काफी मशक्कत की. बाद में इन युवाओं ने ड्रिप तकनीक का सहारा लिया. पौधों में ड्रिप के माध्यम से पानी डालना शुरू किया. इससे पानी सीधा जड़ों तक पहुंचने लगा. ये पहल रंग लाने लगी. फिर देखते-देखते 35 पौधे आज फलदार हो गए. अब लगाए गए पेड़ छायादार बनने लगे हैं और कॉलेज ग्राउंड की बंजर जमीन पर अब हरियाली दिखने लगी है.

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