World Toilet Day: बेमेतरा में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए सार्वजनिक शौचालय, कहीं अधूरा पड़ा काम तो कहीं लटक रहे ताले

Bemetra Public Toilets: दिल्ली में जिस जिला पंचायत को सम्मानित किया जा चुका है, उसमें सार्वजनिक शौचालयों की हालत खस्ता है. यहां कुछ शौचालयों का काम अधूरा पड़ा है, तो कुछ के बाहर ताले लटक रहे हैं. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Public Toilet पर लटक रहा ताला

CG News in Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बेमेतरा (Bemetara) जिला पंचायत को ODF जिला कई साल पहले घोषित कर दिया गया था. इसी तरह से नगर पालिका को ODF प्लस घोषित किया जा चुका है. लेकिन, वास्तव में यहां की हालत खस्ता है. सार्वजनिक शौचालय (Public Toilet) के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए गए, लेकिन सार्वजनिक शौचालय का उपयोग आज भी लोग नहीं कर पा रहे हैं. इसको लेकर यहां के लोग बहुत परेशान है. जिले में कुछ शौचालय ऐसे हैं जिनका काम आज भी अधूरा पड़ा हुआ है और कुछ ऐसे हैं जिनके बाहर ताले लटक रहे हैं. 

दुकान और शौचालय दोनों पर लगा है ताला

दुकान के साथ शौचालय का निर्माण

जिला पंचायत की ओर से सार्वजनिक शौचालय के साथ दुकान का भी निर्माण किया गया था, ताकि उसकी आय से इसका संचालन हो सके. लेकिन, दुकानों में ताले लगे हैं. दुकान निर्माण के पीछे सोच यह थी कि शौचालय के सामने दुकान बनाया जाए और यहां पर जो किराया होगा, उससे शौचालय की साफ सफाई की जाएगी. लेकिन, ना दुकान को किराए में दिया गया है और ना शौचालय के ताले खुले हैं.  

Advertisement

करोड़ खर्च के बाद भी शौचालय निर्माण अधूरा

जिले के चारों ब्लॉक बेमेतरा, साजा, बेरला और नवागढ़ में 556 सार्वजनिक शौचालय का निर्माण 8 करोड़ 92 लाख 46 हजार रुपये खर्च किया गया. इसमें 356 शौचालय तीन लाख 50 रुपये की लागत से बनाए गए और 200 सार्वजनिक शौचालय चार लाख 40 हजार की लागत से बनाए गए. बेमेतरा ब्लॉक में 138, बेरला में 116, सजा में 138 हुआ. नवागढ़ ब्लॉक में 164 सार्वजनिक शौचालय का निर्माण स्वीकृत किया गया है, इनमें से कई गांव के सार्वजनिक शौचालय अधूरे पड़े हैं. 

Advertisement

लोगों को होती है परेशानी

ये भी पढ़ें :- बाप रे! सरकारी विभागों पर Electricity Bill का भारी बोझ, बकाया जानकर चकरा जाएगा माथा

शहरी शौचालय का बुरा हाल

बेमेतरा जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले 21 वार्डों के लिए पैड और उसके तहत 12 शौचालय का निर्माण किया गया था. लेकिन, इनकी हालत भी ठीक नहीं है. शौचालय समय पर नहीं खुलते हैं और हालत ठीक नहीं है. कहीं पर दरवाजे नहीं है, तो कहीं पर शौचालय कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. इसपर संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है.

Advertisement

ये भी पढ़ें :- DAP Crisis : खाद के लिए पकड़े SDM के पैर, फिर भी अन्नदाता को नहीं मिला खाद

Topics mentioned in this article