छत्तीसगढ़ डिप्टी CM के घर के बाहर महिला ने पिया फिनायल, महिलाओं के प्रदर्शन को कर रही लीड

Chhattisgarh Hindi News: पंचायत विभाग में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर महिलाओं का यह समूह धरना देने के लिए उपमुख्यमंत्री के निवास के बाहर पहुंचा था. प्रदर्शन के दौरान ही पुलिस ने उन्हें उपमुख्यमंत्री के निवास से हटाने की कोशिश की.

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Chhattisgarh Deputy CM Vijay Sharma House: रायपुर में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के घर के बाहर एक महिला ने फिनॉयल पी लिया. इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. बता दें कि महिला सिविल लाइन स्थित डिप्टी सीएम के सरकारी आवास के बाहर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही थी.

रायपुर पुलिस के अनुसार, शुक्रवार की दोपहर करीब 2 बजे महिलाओं का एक समूह अलग-अलग गुटों में उपमुख्यमंत्री के निवास के बाहर पहुंचा. महिलाओं ने खुद को पंचायत अनुकंपा नियुक्ति संघ का होना बताया और निवास के बाहर ही धरने पर बैठ गईं. घर के बाहर पुलिस की टीम ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मानी. इसके बाद पुलिस ने उपमुख्यमंत्री के घर के बाहर से उन्हें रायपुर में आरक्षित धरना स्थल तूता जाने के लिए कहा.

धक्का-मुक्की के दौरान मुंह में गया फिनायल

इसी बीच झूमाझटकी और धक्का-मुक्की के दौरान धरना देने वालों का नेतृत्व कर रही संघ की अध्यक्ष अश्वनी सोनवानी ने की फिनायल पीने की कोशिश की. कुछ मात्रा में फिनायल उनके मुंह में भी चला गया. मौके पर मौजूद पुलिस ने अश्विनी सोनवानी को मेकाहारा के सरकार अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

प्रदर्शन कर रही अन्य महिलाओं को बस के माध्यम से धरना स्थल तूता भेज दिया गया. बता दें कि पंचायत विभाग में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर महिलाएं पहले भी प्रदर्शन कर चुकी हैं. धरना दे रही महिलाओं का आरोप है कि सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है.

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कांग्रेस ने साधा निशाना

उपमुख्यमंत्री निवास के बाहर हुई इस घटना को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि सरकार असंवेदनशील रवैया विधवा महिलाओं के प्रति अपना रही है. महिलाएं पहले ही चेतावनी दे चुकी थी कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानेगी तो वह घातक कदम उठा सकती हैं. बावजूद इसके सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी और एक महिला मजबूरन फिनायल पीने के लिए विवश हो गई.