क्या छत्तीसगढ़ में होगा शराब दुकानों का युक्तियुक्तकरण ? कांग्रेस की मांग पर क्या करेगी बीजेपी

छत्तीसगढ़ में शराब और सियासत का चोली-दामन का नाता है. इसी वजह से राज्य में शराब की नई दुकानों को लेकर एक बार फिर से सियासत तेज है क्योंकि राज्य सरकार ने राज्य में 67 और दुकानें खोलने का फैसला किया है. जिससे इस छोटे से राज्य में शराब की मान्यता प्राप्त दुकानों की संख्या बढ़कर 741 हो जाएगी. शराब की नई दुकानें खोलने के इसी मुद्दे पर विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष दल सत्ताधारी दल को सदन में घेरने की तैयारी कर रहा है.

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Chhattisgarh Liquor News: छत्तीसगढ़ में शराब और सियासत का चोली-दामन का नाता है. इसी वजह से राज्य में शराब की नई दुकानों को लेकर एक बार फिर से सियासत तेज है क्योंकि राज्य सरकार ने राज्य में 67 और दुकानें खोलने का फैसला किया है. जिससे इस छोटे से राज्य में शराब की मान्यता प्राप्त दुकानों की संख्या बढ़कर 741 हो जाएगी. शराब की नई दुकानें खोलने के इसी मुद्दे पर विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष दल सत्ताधारी दल को सदन में घेरने की तैयारी कर रहा है. 

दरअसल छत्तीसगढ़ में शराब प्रेमियों की सहूलियत सरकार ने बढ़ा दी है. इस साल राज्य में शराब की 67 नई दुकानें खोली जाएंगी. इसमें से अकेले 10 दुकानें राजधानी और उसके आसपास खुलेंगी. आबकारी विभाग ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.आलम ये है कि बीते 15 महीने में राज्य में शराब की दुकाने दोगुनी हो गई है. शराब की इन नई दुकानों को लेकर सियासत तेज है. शराब की नई दुकानों को लेकर सरकार को सदन में घेरने की तैयारी विपक्ष कर रहा है. इस पर आगे बढ़ने से पहले ये जान लेते हैं कि राज्य में शराब की इकॉनोमी क्या है?  

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छत्तीसगढ़ में शराब की नई दुकानों को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को निशाने पर लिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और विधायक देवेन्द्र यादव का कहना है कि साय सरकार सुशासन के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेल रही है. ये सरकार युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूल बंद कर रही है तो फिर शराब की दुकानों के मामले में युक्तियुक्तकरण की नीति क्यों नहीं लाती? देवेन्द्र यादव ने आगे कहा- शराब की दुकानों के मामले में इसे लागू करने से साय सरकार डरती है लेकिन हम इसका जवाब सदन में उससे मांगेंगे. दूसरी तरफ कांग्रेस के आरोपों पर सत्ताधारी दल बीजेपी के पास भी अपने तर्क हैं. पार्टी प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल का कहना है कि शराबबंदी का वायदा कांग्रेस की सरकार ने किया था, लेकिन नहीं किया. तब की भूपेश बघेल सरकार ने शराब के नाम सिर्फ घोटाला किया है. यही वजह है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री जेल में हैं. अनुराग ने कहा कि  असल में कांग्रेस को राज्य की जनता से माफी मांगना चाहिए. उसे युक्तियुक्तकरण के नाम पर भ्रम नहीं फैलाना चाहिए. उसे बताना चाहिए कि उसके राज में कितने स्कूल बंद हुए और कितने शिक्षकों को नौकरी मिली. वो सिर्फ भ्रम फैलाने का ही काम करती है. बहरहाल अब ये देखने वाली बात होगी कि युक्तियुक्तकरण के बहाने सरकार को घेरने का कितना लाभ विपक्ष को मिल पाता है? 
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