'मिस्ट्री' क्यों है एक करोड़ का इनामी नक्सली माडवी हिड़मा ? 27 वारदातों में है मोस्ट वांटेड

देश का टॉप मोस्ट वांटेंड नक्सली माडवी हिड़मा एक बार फिर चर्चा में है...वजह है उसके पैतृक गांव पूवर्ती में बीते 17 फरवरी को सुरक्षाबलों ने न सिर्फ नया कैंप खोला बल्कि हिड़मा की मां से मुलाकात कर उसे सहायता का आश्वासन भी दिया है. ये उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि पूवर्ती गांव माओवादियों के सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले इलाके में है. साल 2010 के बाद से बस्तर और आसपास के इलाकों में हुई नक्सली घटनाओं का मास्टर माइंड हिड़मा को ही माना जाता है.

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Most Wanted Naxalite: देश का टॉप मोस्ट वांटेंड नक्सली माडवी हिड़मा (Madvi Hidma) एक बार फिर चर्चा में है...वजह है उसके पैतृक गांव पूवर्ती में बीते 17 फरवरी को सुरक्षाबलों ने न सिर्फ नया कैंप खोला बल्कि हिड़मा की मां से मुलाकात कर उसे सहायता का आश्वासन  भी दिया है. ये उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि पूवर्ती गांव माओवादियों के सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले इलाके में है. यहां आजादी के बाद से अब तक तिरंगा झंडा नहीं लहराया है. साल 2010 के बाद से बस्तर और आसपास के इलाकों में हुई नक्सली घटनाओं का मास्टर माइंड हिड़मा को ही माना जाता है. ऐसे में ये जानना दिलचस्प हो जाता है कि आखिर कुख्यात नक्सली माडवी हिड़मा है कौन? कैसे उस पर अलग-अलग एजेंसियों ने करीब 1 करोड़ का इनाम रखा है? 

16 साल की उम्र में बना नक्सली

माडवी हिड़मा बस्तर के साउथ जोन में सक्रिय पीएलजीए बटालियन का पूर्व चीफ और वर्तमान में सेंट्रल कमेटी का मेंबर है. सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्रांर्गत पूवर्ती निवासी माड़वी रैया और पोज्जे के घर में हिड़मा का जन्म हुआ. वो गोंड जाति से संबंध रखता है और उसने कोंटा में ही मिडिल स्कूल तक की शिक्षा ली है. बताया जाता है कि 16 साल की उम्र में हिड़मा बाल संगम के रूप में नक्सली संगठन में शामिल हुआ.  इस दौरान उसके गांव पूर्वती में माओवादियों की ग्राम राज्य कमेटी के लिए उसे चुना गया.  

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चार लेयर की सुरक्षा में रहता है हिड़मा

हिड़मा ताड़मेटला कांड का मुख्य अभियुक्त है...इस वारदात में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा बुरकापाल,मिनपा,भेजी,टेकलगुड़म,कोत्ताचूरू और झीरम कांड के साथ करीब 27 से ज्यादा वारदातों में हिड़मा का नाम सामने आया है. ऐसा माना जाता है कि हिड़मा खुद चार लेयर की सुरक्षा में रहता है. उसके पर्सनल सिक्योरिटी के अलावा 200 से 250 नक्सलियों की फौज 24 घंटे आधुनिक हथियारों के साथ उसकी सुरक्षा में रहते हैं.

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उनके समूह में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. जानकार बताते हैं कि दुबली पतली, लेकिन चुस्त कद काठी वाला हिडमा बहुत तेज-तर्रार है और चीजों को बहुत तेजी से सीखता था. इसी वजह से महज 16 साल की उम्र में ही उसे माओवादियों ने बच्चों की विंग का अध्यक्ष बना दिया था. 

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तकनीक का अच्छा ज्ञान रखता है हिड़मा

ये भी कहा जाता है कि नक्सल संगठन में हिड़मा का तकनीकी ज्ञान जबरदस्त है. वो नई-नई तकनीक को इजाद करता रहता है. खास बात ये है कि वो हर हमले का वीडियो बनाता है ताकि उस हमले के कमजोर पक्ष को आगे दुरुस्त किया जा सके. हमले के दौरान सामने आई कमियों पर वो अपने साथियों से खूब चर्चा भी करता है. हिड़मा ज्यादातर दक्षिण सुकमा क्षेत्र में  रहता है. के अधीन 150 से अधिक कमांडर हैं, जो बेहतरीन रूप से प्रशिक्षित हैं.इसके अलावा हिड़मा रावुला श्रीनिवास रमन्ना का करीबी भी माना जाता है. रमन्ना पर 150 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की हत्या का आरोप है. हालांकि रमन्ना का साल 2019 में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था. जिसके बाद हिड़मा को नक्सलियों का कमांडर बना दिया गया.

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