कौन है नक्सली कमांडर कृष्णा हांसदा? NIA सर्च के बाद फिर चर्चा में आया ये नाम

Who is Naxalite Krishna Hansda: नक्सल कमांडर कृष्णा हांसदा (Krishna Hansda) कौन है? राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तलाशी के बाद यह नाम चर्चा में क्यों है?

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Who is Naxalite Krishna Hansda: नक्सल कमांडर कृष्णा हांसदा (Krishna Hansda) का नाम एक बार फिर से चर्चा में है. दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को नक्सली मामलों की जांच के लिए झारखंड और छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान एनआईए की टीमों ने झारखंड के गिरिडीह जिले में संदिग्धों और ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के घरों और अन्य परिसरों की गहन तलाशी ली, जिसमें कई मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त किए गए. यह मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के नक्सल कैडर कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी से शुरू हुआ था. 

एनआईए के बयान में कहा गया है कि सीपीआई (माओवादी) के क्षेत्रीय समिति सदस्य हांसदा को जनवरी 2023 में डुमरी पुलिस स्टेशन के लुसियो वन क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था. जांच के दौरान, जून 2023 में मामले को अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने कई संदिग्धों और ओजीडब्ल्यू के संबंधों का पता लगाया, जिनके बारे में माना जाता है कि वे गिरिडीह जिले के पारसनाथ क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) को रसद और इलेक्ट्रॉनिक सामान की आपूर्ति में शामिल थे. एनआईए ने कहा, "आज की तलाशी इन संदिग्धों और ओजीडब्ल्यू के खिलाफ एनआईए की जांच का हिस्सा थी." उन्होंने कहा कि जब्त की गई वस्तुओं की जांच की जा रही है. बता दें कि कृष्णा हांसदा पर 15 लाख रुपये का ईनाम रखा गया था.

Advertisement

छत्तीसगढ़ के दूरदराज के गांवों में ली गई तलाशी

एक अन्य मामले में, एनआईए की टीमों ने पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान मतदान और सुरक्षा दल पर सीपीआई (माओवादी) के हमले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के दूरदराज के गांवों में कई स्थानों पर तलाशी ली. गरियाबंद और धमतरी जिलों के संवेदनशील माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में रावनडिग्गी, सेमरा, मैनपुर, घोरागांव, केराबहरा और गरियाबंद के गांवों में 11 संदिग्धों से संबंधित कई स्थानों पर तलाशी ली गई. जांच एजेंसी द्वारा जारी एक अन्य बयान में यह जानकारी दी गई. 

Advertisement

एनआईए की तलाशी में क्या मिला? 

माना जाता है कि संदिग्ध सीपीआई (माओवादी) आतंकी संगठन के मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन के ओजीडब्ल्यू और समर्थक थे. बयान में कहा गया है, "जांच से पता चला है कि मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के बाद गांव बड़ेगोबरा से लौट रहे मतदान दल और सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले में आईटीबीपी एडहॉक 615 बटालियन के एक हेड कांस्टेबल की हत्या करने वाले आईईडी विस्फोट के पीछे था. जिन संदिग्धों के परिसरों की आज तलाशी ली गई, उनके नाम मामले में एनआईए की जांच के दौरान सामने आए थे." एनआईए द्वारा तलाशी के दौरान नक्सली पर्चे, पुस्तिकाएं, मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस, 1.5 लाख रुपये नकद, अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई, जिसने अब तक मामले में 10 आरोपियों को चार्जशीट किया है.

Advertisement

इसे भी पढ़ें- Naxal Arrest: आखिरकार पकड़ा गया खूंखार नक्सली हड़मा, फोर्स को मिली बड़ी कामयाबी, क्या करने वाले थे 13 माओवादी?

Topics mentioned in this article