छत्तीसगढ़: BJP MLA ने ममता बनर्जी की तुलना ताड़का व सुरसा से की, बोले-उनका राजनीतिक ‘अंत’ निश्चित

छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता अजय चंद्राकर ने ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उनकी तुलना रामायण की ‘ताड़का’ और ‘सुरसा’ से की. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को अमित शाह पर अभद्र बयान नहीं देना चाहिए.

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रायपुर:

छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर की गई टिप्पणी के लिए आलोचना की. उन्होंने बनर्जी की तुलना रामायण में वर्णित राक्षसी ‘ताड़का' और ‘सुरसा' से करते हुए कहा कि उनका राजनीतिक अंत निश्चित है.

चंद्राकर ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि बनर्जी को भाजपा या उसके नेतृत्व के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जब उनसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा शाह पर की गई टिप्पणी के बारे में सवाल पूछा गया, तब उन्होंने कहा,
''वह बंगाल के लिए ताड़का और सुरसा हैं. किसी देश के गृह मंत्री पर टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए."

उन्होंने आगे कहा, “बंगाल को उन्होंने (ममता ने) क्या दिया? यह सोचना चाहिए. माननीय गृह मंत्री ने कहा है कि घुसपैठिये इस देश का प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तय नहीं कर सकते. ममता जी धमकी नहीं दे सकतीं, वह जमाना लद गया. वह कांग्रेस को धमकी दे सकती हैं कि ‘इंडिया' गठबंधन का नेतृत्व मैं करुंगी. भाजपा या भाजपा नेतृत्व को किसी तरह के अपशब्द कहने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है. वह खुद ‘ताड़का' और ‘सुरसा' जैसी हैं, जिसका (राजनीतिक) वध निश्चित है.”

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026

गुरुवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया था कि शाह मतदाता सूचियों से ‘डेढ़ करोड़ नाम' हटाने की कोशिशों को सीधे तौर पर निर्देशित कर रहे हैं. ममता ने चेतावनी दी कि अगर मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान एक भी पात्र मतदाता का नाम हटाया गया, तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगी.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था, “देश के गृहमंत्री खतरनाक हैं. उनकी आंखों में यह साफ दिखता है-एक आंख में ‘दुर्योधन' और दूसरी में ‘दुःशासन' दिखता है.” बनर्जी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 से कुछ महीने पहले एसआईआर का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “वे वोटों के लिए इतने भूखे हैं कि उन्होंने अब एसआईआर शुरू कर दिया है. अगर किसी पात्र व्यक्ति का नाम कट गया, तो मैं तब तक धरना दूंगी, जब तक नाम जुड़ नहीं जाता. पश्चिम बंगाल में कोई निरुद्ध केंद्र नहीं बनेगा.” 

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