छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग की तैयारियों की खुली पोल! यहां क्लास रूम में भरा पानी, तो करनी पड़ी छुट्टी

Waterlogging In School: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग की सारी तैयारियों की पोल खुल गई है.बता दें कि सूरजपुर जिले के  ग्राम पंचायत सुमेरपुर में प्राथमिक शाला में पानी घुस गया है. हालात यहां तक पहुंच गए की क्लास रूम में बैठने तक की जगह नहीं मिली तो मजबूरी में बच्चों की छुट्टी करनी पड़ी.

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क्लास रूम में भरा पानी

Waterlogging Problem News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) जिले में एक बार फिर स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) की तैयारियों की पोल खुल गई है. जहां एक ओर नए सत्र की शुरुआत हो रही है. वहीं, दूसरी ओर पहली ही बारिश ने पूरी व्यवस्था की हकीकत बयां कर दी है. बारिश से स्कूलों में पानी घुस रहा है. छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

दरअसल प्राथमिक शाला में पानी घुसने का ये पूरा मामला रामानुजनगर ब्लॉक के ग्राम पंचायत सुमेरपुर का है.जहां शनिवार को जिले में जबरदस्त बारिश हुई, जिसका सीधा असर पड़ा सुमेरपुर ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक शाला पर जो जलमग्न हो गई. स्कूल में बच्चों के घुटने तक पानी भर गया. जिससे पढ़ाई बंद करनी पड़ी. फिर स्कूल की छुट्टी करने की नौबत आ गई. 

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इस बीच टीचर और ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल से पानी बाहर निकाला गया. वहीं, अब जलभराव (Waterlogging) का वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है. स्कूल में पानी भरने पर अभिभावकों में गुस्सा है. 

पीडब्ल्यूडी के निर्माण से बढ़ी परेशानी

स्कूल में पानी घुसने छात्रों की पढ़ाई प्रभावित.

ग्राम पंचायत में प्राथमिक शाला भवन नहीं होने की वजह से शिक्षा विभाग की ओर से अतिरिक्त कक्ष का निमार्ण करवाया गया था. जहां कक्षा एक से 5वीं तक की पढ़ाई होती है. वहीं, अतिरिक्त कक्ष सड़क किनारे है. जहां पीडब्ल्यूडी विभाग ने पक्की सड़क का निर्माण करा दिया है. ऐसे में रोड की ऊंचाई अधिक होने के कारण बारिश का सारा पानी स्कूल में घुस रहा है. हालांकि शनिवार को किसी तरह से स्कूल प्रबंधन ने गांव वालों की मदद से पानी बाहर निकाला है, लेकिन मानसून में होने वाली बारिश के दौरान यह समस्या आगे भी बनी रहेगी.

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कहां गई शाला जतन योजना की राशि?

नए शिक्षा सत्र में जहां जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग बड़े ही धूम-धाम से शाला प्रवेश उत्सव मना रहे हैं, लेकिन बच्चों को स्कूलों में हो रही परेशानियों पर न तो विभाग का ध्यान है.न ही जनप्रतिनिधियों का. जबकि मुख्यमंत्री शाला जतन योजना के तहत पूर्व की सरकार में करोड़ों रुपये, स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए आए थे. बाबजूद उसके ग्राम पंचायत सुमेरपुर की यह तस्वीर चौकाने वाली है. ये तस्वीर ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की बदहाली की दास्तां बयां कर रही है.

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