CG News: यहां है छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा अमृत सरोवर, इस काम से बढ़ी पंचायत की आय, इस दिन से जल महोत्सव

CG News: समय के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम दिखने लगे हैं. अब जल और जंगल वीरान से होने लगे हैं. पर्यावरणीय समस्याओं के बीच एक राहत की खबर छत्तीसगढ़ के धमतरी से आयी है, जहां कलेक्टर के प्रयासों ने प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर तैयार हो गया है. इससे पंचायत की आय भी बढ़ी है. आइए देखते हैं सफलता की कहानी.

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Amrit Sarovar: आधुनिक दौर में जल (Water) एवं जंगल (Forest) के अंधाधुंध दोहन के चलते हमारी धरती के पानी के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है, जिसका असर हाल ही में गर्मी के मौसम में कई बड़े शहरों में देखने को मिला है. ऐसे में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी (Dhamtari) जिले में जल की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर नम्रता गांधी ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई सराहनीय प्रयास किए हैं, जिनमें से एक है अमृत सरोवरों (Amrit Sarovar) का निर्माण. धमतरी जिले के चारों विकासखण्ड में कुल 119 अमृत सरोवर बनाए गए हैं. इनमें धमतरी विकासखण्ड में 23, कुरूद मे 38, मगरलोड में 29 और नगरी विकासखण्ड में 29 अमृत सरोवर शामिल हैं. वहीं इस प्रयास से धमतरी जिले के कन्हारपुरी में तैयार किये गए अमृत सरोवर को प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है.

क्या है खासियत?

इस तालाब की खास बात यह है कि जितनी लागत इस सरोवर को बनाने में आयी, उससे अधिक आय भी पंचायत को हुई है. यह संसाधनों के बेहतर उपयोग से संभव हो पाया है. जहां एक ओर इस तालाब ने किसानों के लिए सिचाई सुविधा का एक नया रास्ता खोला दिया. वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को सालभर निस्तारी की समस्या से भी मुक्ति मिल गयी और भूमि का जलस्तर बना रहा.

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'आम के आम गुठलियों के दाम'

धमतरी जिले में रेलवे द्वारा ब्राडगेज का काम किया जा रहा है. ग्राम कन्हारपुरी व आसपास में रेलवे को पटरी बिछाने के कार्य हेतु मुरुम व मिट्टी की आवश्यकता थी. रेलवे विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर कन्हारपुरी ग्राम पंचायत के साथ मिट्टी निकालने का एग्रीमेंट कराया गया. मिट्टी गांव के मुरा तालाब में उस जगह से निकाली गई, जहां तालाब गहरीकरण का कार्य होना था. रेलवे के माध्यम से तालाब की आवश्यकतानुसार खुदाई कार्य कराया गया, जिससे तालाब की पूरी तस्वीर ही बदल गई.

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इतने बड़े क्षेत्रफल में अब तक प्रदेश में कहीं भी अमृ सरोवर का तालाब नहीं बना है. इस तालाब में बारिश के मौसम में पानी के भराव के साथ ही हरियाली की चादर बिछी नजर आ रही है. तालाब के आसपास के 46 किसानों की 70 एकड़ फसल को सिंचाई की जा सकेगी. इन किसानों को सिंचाई की कोई चिंता नही रहेगी.

इधर रेलवे के साथ एग्रीमेंट किया गया था कि गांव से मिट्टी निकालने के बदले रायल्टी की राशि पंचायत में जमा की जाएगी. इस एग्रीमेंट के तहत रेलवे विभाग के कन्हारपुरी करीब 12 लाख रुपए हैं जो पंचायत में जमा करेगा. इस राशि से गांव के विकास की अलग से कार्य योजना तैयार की जाएगी. कन्हारपुरी के मुरा तालाब का कुल रकबा 09 एकड़ है. गहरीकरण के पहले इस तालाब की जलधारण क्षमता महज 32 हजार 400 घनमीटर थी जो अब 57 हजार 800 घनमीटर हो गई है.

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जल महोत्सव की तैयारी पूरी

5 और 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल में जल जगार महोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है. इस महोत्सव में जिले के 108 अमृत सरोवरों के जल से रूद्राभिषेक, हाफ मैराथन, आसमान से कहानी, आकर्षक एवं रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, नवरात्रि मेला, कबाड़ से जुगाड़, रंगोली प्रतियोगिताएं इत्यादि आयोजित की जाएंगी. कलेक्टर ने लोगों से इस बड़े आयोजन में अधिक से अधिक सम्मिलित होकर जल संरक्षण में अपनी सहभागिता निभाने की अपील की है.

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