दरक रही स्कूल की दीवारें :  स्टूडेंट्स बोले-  ब्लास्टिंग से लगता है डर, उठाया अब ये कदम

MCB News : एमसीबी जिले के चिरमिरी के बरतुंगा प्राथमिक शाला की स्थिति बेहद गंभीर है. यहां ओपन कास्ट माइंस में हो रहे ब्लॉस्ट से स्कूल की दीवारें दरक रही हैं. पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में डर का माहौल है. हालांकि, जिला शिक्षा अधिकारी ने NDTV की खबर के बाद मामले को गंभीरता से लेकर डीएम से बात की है..

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खतरे में बचपन: स्कूल की दीवारों में ब्लॉस्टिंग से आ रही दरारें..

Government Primary School : छत्तीसगढ़, एमसीबी जिले के नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र स्थित बरतुंगा प्राथमिक स्कूल की दीवारों में दरारें आ रही हैं. पास स्थित माइंस क्षेत्र से हो रही ब्लॉस्टिंग से छात्रों की जान पर खतरा है. क्योंकि ब्लॉस्टिंग के दौरान झटके और आवाज इतनी तेज होती है कि बच्चे डर जाते हैं. स्कूल की जमीन हिलने लगती है. यही हाल डीएवी स्कूल की बिल्डिंग का है. लेकिन फिर भी स्कूल से महज 150 मीटर की दूरी पर स्थित एसईसीएल चिरमिरी की बरतुंगा ओपन कास्ट माइंस का काम जारी है. 

'ऐसा लगता है कि कहीं छत गिर न जाए'

NDTV की टीम ने जब शासकीय प्राथमिक शाला बरतुंगा का जायजा लिया, तो वहां की स्थिति बेहद चिंताजनक पाई. बच्चों ने बताया कि पढ़ाई के दौरान अचानक विस्फोट होता है, जिससे पूरी बिल्डिंग हिलने लगती है. पांचवीं कक्षा की छात्रा मुस्कान ने बताया कि जब ब्लास्टिंग होती है, तो जमीन हिलती है और डर लगता है. वहीं चौथी कक्षा के एक अन्य छात्र ने कहा कि ऐसा लगता है कि कहीं छत गिर न जाए. स्कूल की शिक्षिका बिंदेश्वरी ने बताया कि हर ब्लास्टिंग के साथ बिल्डिंग में कंपन होता है. बच्चे पढ़ाई छोड़कर दौड़कर बाहर चले जाते हैं. हमें भी डर लगा रहता है कि कब छत गिर जाए.

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DAV स्कूल की स्थिति खतरनाक 

डीएवी स्कूल में 1,150 छात्र और 70 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. यहां भी विस्फोटों की वजह से बिल्डिंग में कंपन होता है. स्कूल के पास मिट्टी और पत्थरों का ढेर लगा है, जिससे बिल्डिंग और अधिक कमजोर हो गई. जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने एनडीटीवी को बताया कि डीएवी स्कूल की स्थिति बेहद चिंताजनक है और कलेक्टर को इस बारे में अवगत कराया गया. उन्होंने कहा आगामी शिक्षा सत्र 2025-2026 से डीएवी स्कूल को उस बिल्डिंग में संचालित नहीं किया जाएगा.

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NDTV ने उठाया बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा

एनडीटीवी के माध्यम से पता चलने पर प्राथमिक शाला बरतुंगा के लिए भी कदम उठाए गए. ब्लास्टिंग का समय दोपहर 2 बजे के बाद रखा गया, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुबह 9:30 से 1:30 के बीच पूरी हो सके. हालांकि, यह सवाल उठता है कि आखिर बच्चों की सुरक्षा के साथ समझौता क्यों किया जा रहा है विस्फोट के कारण पहले ही बिल्डिंग में दरारें पड़ चुकी हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करना अत्यंत आवश्यक है.

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