Chhattisgarh News in Hindi: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने मध्याह्न भोजन (Mid Day Meal) की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए राज्य शासन और कलेक्टर को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन देने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण भोजन की गुणवत्ता में गिरावट आई है.
बता दें कि हाईकोर्ट ने स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए राज्य शासन और कलेक्टर से जवाब तलब किया था. यह मामला राजेंद्र नगर स्कूल से जुड़ा हुआ है, जहां यह आरोप लगाया गया कि सेंट्रल किचन से आने वाला भोजन घटिया क्वालिटी का है. इसके चलते बच्चों ने भोजन करना बंद कर दिया.
अधिकारियों की लापरवाही के कारण भोजन की गुणवत्ता में आई गिरावट
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण भोजन की गुणवत्ता में गिरावट आई है. कहा जा रहा है कि कुछ स्थानों पर बच्चों के द्वारा छोड़े गए भोजन को मवेशियों को खिलाया जा रहा था. इसे गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की.
हाईकोर्ट ने राज्य शासन और कलेक्टर से किया जवाब तलब
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य शासन, कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से जवाब मांगा. बुधवार को अदालत में DEO ने शपथपत्र प्रस्तुत किया. उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने शासन का पक्ष रखा और कोर्ट को जानकारी दी कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे.
हाईकोर्ट ने मामले में सख्त निर्देश दिए कि बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन ही दिया जाए और भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो. इसके बाद अदालत ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया.
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