Chhattisgarh: शादी के लिए नहीं आ रहे रिश्ते! ग्रामीणों के स्वास्थ्य और भविष्य पर मंडरा रहा खतरा, कंपनी कर रही अनदेखी

NTPC Bilaspur Negligence: क्या होगा जब रोजगार, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रलोभन देकर किसानों से उनकी जमीन ले ली जाए और उद्योग स्थापित होने के बाद स्थानीय लोगों को नौकरी और अन्य मूलभूत सुविधाओं का मोहताज होना पड़े. ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में देखने को मिल रहा है, जहां NTPC की ओर से बड़ी लापरवाही सामने आई है. 

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पावर प्लांट के राखड़ डंपिंग स्थल के कारण लोगों को हो रही परेशानी

Bilaspur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर जिले में स्थित एनटीपीसी सीपत पॉवर प्लांट (NTPC Sipat Power Plant) से 3600 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है. इस परियोजना ने ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन, इसके आसपास के गांवों के लिए यह गंभीर समस्याओं का कारण बनता नजर आ रहा है. इसको लेकर कुल आठ गांव प्रभावित हो रहे हैं. मामले को लेकर ग्रामीण बहुत परेशान हैं. उनका कहना है कि इस मामले के कारण गांव में युवाओं की शादी नहीं हो रही है. बता दें कि सीपत गांव के पास में पावर प्लांट का बड़ा राखड़ डंपिंग स्थल है.

इस वजह से हो रही ग्रामीणों को परेशानी

एनटीपीसी सीपत के पास आठ गांव प्रभावित हो रहे हैं. जिनमें सीपत, पेंडरी, डोंगरी, लटिया, खम्हरिया, हरदी, बटाई और अमलीडीह शामिल हैं. इन गांवों में राखड़ डंपिंग के कारण लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. तीन प्रमुख राखड़ डंपिंग स्थल गांवों से मात्र 100 से 300 मीटर की दूरी पर स्थित हैं. राखड़ की धूल हवा के साथ फैलकर स्थानीय निवासियों के लिए सांस, त्वचा और पानी से संबंधित बीमारियों का कारण बन रही हैं. 

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गांव के पास डंप हो रहा 'जहर'

प्लांट प्रबंधन पर ग्रामीणों ने लगाए आरोप

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि एनटीपीसी प्रबंधन परियोजना स्थापित होने से पहले उनसे बड़े-बड़े वादे किए गए थे. ग्रामीणों का कहना है कि रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाएं और बुनियादी सुविधाओं का वादा किया गया था, लेकिन इन वादों को पूरा नहीं किया गया. इसके अलावा, इन समस्याओं के चलते गांव में शादी के रिश्ते आना भी कम हो गए हैं, जिससे युवाओं के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ रही है.

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बार-बार शिकायत के बावजूद प्रबंधन मौन 

ग्रामीणों ने कई बार इन समस्याओं के खिलाफ आंदोलन किया है, लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रबंधन मौन है. लोगों को उम्मीद है कि सरकार और उच्च प्रबंधन इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और राखड़ डंपिंग को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे.

प्रबंधन ने की बात से इंकार

एनटीपीसी प्रभावित ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान और स्थिति को जानने के लिए एनडीटीवी की टीम ने एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी प्रवीन रंजन भारती से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस मामले को लेकर कोई जवाब नहीं दिया.

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