शिक्षकों को आवारा कुत्तों की निगरानी सौंपने पर गरमाई सियासत, पूर्व सीएम सिंहदेव ने सरकार को दी ये सीख

सरकारी शिक्षकों को आवारा कुत्तों को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी सैंपने पर कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ जनगणना जैसा कोई एक अपवाद हो सकता है, जब शिक्षकों को काम सौंपा जाए, लेकिन मेरा मानना है कि शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य के अलावा कोई और काम नहीं सौंपा जाना चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने राज्य में शिक्षकों को कथित तौर पर आवारा कुत्तों की निगरानी का काम सौंपे जाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की शत प्रतिशत जवाबदेही स्कूल में शिक्षा की होनी चाहिए.

कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने मीडिया बातचीत में कहा कि सिर्फ जनगणना जैसा कोई एक अपवाद हो सकता है, जब शिक्षकों को काम सौंपा जाए, लेकिन मेरा मानना है कि शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य के अलावा कोई और काम नहीं सौंपा जाना चाहिए. उन्होंने शिक्षकों के लिए आवारा कुत्तों की निगरानी के फैसले को गलत ठहराया और कहा कि ऐसे निर्णयों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.

जारी किया गया था ये आदेश

दरअसल, छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय (Chhattisgarh Lok Shikshan Sanchalnalay) की ओर से 20 नवम्बर को एक प्रदेशभर के शिक्षकों के लिए आदेश जारी किया गया था. इसमें बाकायदा कहा गया था कि शिक्षकों को स्कूल और स्कूल परिसर के आसपास घूमने वाले आवारा कुत्तों की जानकारी अपने आस-पास के ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, नगर निगम  या फिर डॉग कैचर के नोडल अधिकारी को देना होगा. इसके साथ ही शिक्षकों से आवारा कुत्तों के रोकथाम के लिए आवश्यक प्रबंध करने के लिए कहा गया था.

प्रस्तावित श्रम कानून को सराहा

इस बीच, टीएस सिंहदेव ने नए श्रम कानून पर अपनी भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 29 मौजूदा श्रम कानूनों के स्थान पर लागू किया जा रहा है और अब उन्हें मिलाकर चार कानून करने का प्रस्ताव है. अगर यह व्यापक स्तर पर लागू होता है, तो निश्चित रूप से मजदूर वर्ग को लाभ मिलेगा.

Advertisement

कांग्रेस की गुटबाजी को बताया खुलापन

टीएस सिंहदेव ने कर्नाटक में कांग्रेस की अंतर्कलह पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में प्रजातांत्रिक खुलापन है. दूसरी पार्टियों में, खासकर भारतीय जनता पार्टी या कुछ दूसरी पार्टियों में बहुत ज्यादा दबाव रहता है. यहां, अगर कुछ लोग अपनी बात कहना चाहते हैं, तो मुझे इसमें कोई बुराई नहीं दिखती. हाईकमान फैसले लेता है और वे पार्टी, कर्नाटक राज्य के हित में और मौजूदा हालात में जो सबसे सही होगा, उसे देखते हुए फैसला करेंगे.

यह भी पढ़ें- अद्भुत घटना: 57 साल की हथिनी अनारकली ने पन्ना टाइगर रिजर्व में जन्म दिए जुड़वां बच्‍चे, कैसे हुआ यह चमत्कार?

कांग्रेस नेता ने 'बाबरी मस्जिद' विवाद पर कहा कि विध्वंस के बाद बाबरी मस्जिद नहीं बन सकती है. नए मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारों का निर्माण नए समय के साथ हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में हर धर्म के मानने वाले के लिए सुरक्षित वातावरण बना रहना चाहिए. किसी के साथ भेदभाव न हो. शांतिपूर्वक, समाज और समुदाय हित में नियमों का पालन करने की स्थिति होनी चाहिए.

Advertisement

Sagar Road Accident: सड़क किनारे खड़े होकर बात कर रहे थे... बस ने रौंदा, दो भाइयों और इकलौते बेटे समेत परिवार के चार बच्चों की मौत

Topics mentioned in this article