Mid Day Meal में बड़ी लापरवाही आई सामने, खाने में पका दिया छिपकली, इतने बच्चों की हालत बिगड़ी

Negligence On Mid Day Meal : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद Gariaband) जिले से मिड डे मील (Mid Day Meal) को लेकर काफी गंभीर मामला सामने आया है. बता दें, स्कूल में बच्चों के लिए खाना पक रहा था, तभी खाने में छिपकली गिर गई फिर जो हालात निर्मित हुए उसके बाद जो हुआ वो...

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Mid Day Mill में बड़ी लापरवाही आई सामने, खाने में पका दिया छिपकली,इतने बच्चों की हालत बिगड़ी.

Negligence In government School: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariaband) जिले में मिड डे मील (Mid Day Meal) के दौरान हुई एक गंभीर लापरवाही ने 23 बच्चों की जान जोखिम में डाल दी. मैनपुर ब्लॉक के पीपलखुटा मिडिल स्कूल में बुधवार को मध्यान्ह भोजन के रूप में परोसी गई दाल में छिपकली गिरने की घटना सामने आई है. भोजन करने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें तुरंत अमलीपदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.

किसी को पता नहीं चला..?

इस हादसे के बाद बच्चों ने बताया कि दाल में छिपकली खाना पकाने के दौरान ही गिर गई थी,लेकिन इस बारे में किसी को पता नहीं चला.छिपकली पूरी तरह से दाल में घुल गई थी,जिसके कारण बच्चों ने बिना कुछ जाने खाना खा लिया.जैसे ही बच्चों ने भोजन करना शुरू किया, उनकी तबीयत अचानक खराब होने लगी. उन्हें उल्टियां और चक्कर आने लगे.

बीमार पड़ गए इतने स्टूडेंट्स

पालक समिति के सदस्य नीलांबर मांझी ने इस गंभीर लापरवाही की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि नियमानुसार, मिड डे मील के भोजन को परोसने से पहले उसकी जांच होनी चाहिए थी.लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इस चूक का परिणाम यह हुआ कि 23 मासूम बच्चों की जान पर खतरा मंडराने लगा.

तबीयत में हो रहा सुधार..

अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक, सभी बच्चों की हालत अब स्थिर है और सुधार हो रहा है. चिकित्सा अधिकारी ज्योति राठौर ने बताया कि अधिकतर बच्चे खतरे से बाहर हैं, हालांकि, दो-तीन बच्चों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि वे जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे.

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मिड डे मील की व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

यह घटना मिड डे मील की सुरक्षा और गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न उठाती है. शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके. इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं.

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