Surajpur में किसान कर रहे सड़क और पुलिया की मांग, नहीं मानने पर ट्रेन रोकने की दी चेतावनी

CG News: सूरजपुर में ग्रामीणों के घर और खेत के बीच में रेल लाइन आड़े आ रही है. वह भी तब, जब ये रेल लाइन आजकल बहुत व्यस्त हो गया है. कई दिनों से जारी पुलिया और सड़क की मांग को लेकर गांव के लोग कलेक्टर के पास पहुंचे. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वो रेल लाइन को जाम करेंगे. 

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Rail Overbridge Demand: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के ग्राम पंचायत ऊंचडीह से होकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (South East Central Railways) सूरजपुर रोड रेलवे स्टेशन (Surajpur Road Railway Station) हैं. रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर ग्राम पंचायत उचडीह के ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि हैं, जहां किसानों को अपनी कृषि भूमि पर खेती किसानी के लिए दिन में कई बार जाना पड़ता है. ऐसे में उनके लिए अपने खेत तक मवेशी, कृषि उपकरण, ट्रैक्टर और खुद के आने-जाने में बहुत परेशानी होती है. इसके लिए रेल लाइन पर पुलिया और सड़क की मांग को लेकर बड़ी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण कलेक्टर से मिलने पहुंचे. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपनी मांग को जल्द पूरा करने की बात कही है. साथ में उन्होंने चेतावनी दी कि उनकी मांग पूरी नहीं करने पर वो रेल लाइन को जाम करेंगे. 

आंदोलन की दी चेतावनी

ग्राम पंचायत ऊंचडीह के अंतर्गत सूरजपुर रोड रेलवे स्टेशन आता है. ग्रामीणों का कहना है कि फिलहाल यहां प्लेटफार्म निमार्ण और रेल लाइन विस्तार का कार्य ज़ारी है. बड़ी और भारी वाहनों की आवाजाही की वजह से गांव की कच्ची सड़कें भी खराब हो रही हैं.  उन्होंने कलेक्टर ऑफिस में कहा कि अगर हमारी मांग पर जल्द फैसला नहीं लिया गया, तो आने वाले समय में रेल लाइन विस्तार का कार्य प्रभावित हो सकता है. गांव की सड़क से गुजरने वाली भारी वाहनों पर रोक लगा दी जाएगी. साथ ही, यहां से गुजरने वाली ट्रेनों को रोक कर आंदोलन किया जाएगा.

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खेत तक जाने में हो रही परेशानी

ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर गांव के किसानों की सैकड़ों एकड़ खेती वाली जमीन हैं, जहां साल भर किसान मौसम आधारित खेती करते हैं. कई वर्षों से रेल लाईन पर पुलिया सड़क की मांग की जा रही है. जिससे खेतों में आसानी से किसान अपनी खेती करने वाले उपकरण के साथ पहुंच सकें. लेकिन, किसी ने आज तक मांग पूरी नहीं होने के कारण 200 मीटर की दूरी को तकरीबन 10 किमी घूम कर खेत तक पहुंचना पड़ता है. असल में इस रेल लाइन पर हमेशा कोयला लोड मालगाड़ी या यात्री ट्रेन खड़ी रहती है, जिससे अतिरिक्त दूरी तय करने के लिए किसान मजबूर हैं. 

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