सूरजपुर में ACB का शिकंजा: घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया सहकारी निरीक्षक, कैमरा देख मुंह छिपाता रहा

सूरजपुर जिले में ACB अंबिकापुर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सहकारी विभाग के निरीक्षक अभिषेक सोनी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. लेखपाल पद पर नियुक्ति आदेश जारी करने के बदले आरोपी 1.50 लाख रुपये की मांग कर रहा था. पहली किस्त के रूप में 40 हजार रुपये लेते समय ACB ने जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया. कार्रवाई के दौरान आरोपी कैमरा देख मुंह छिपाता रहा. 

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सूरजपुर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अंबिकापुर ने एक बार फिर बड़ी और सख्त कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस कार्रवाई में सहकारी विभाग के एक निरीक्षक को नियुक्ति आदेश जारी करने के बदले रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. ACB की कार्रवाई के दौरान आरोपी निरीक्षक कैमरा और अधिकारियों को देख बार-बार मुंह छिपाता नजर आया, जिसने पूरे घटनाक्रम को और भी सनसनीखेज बना दिया.

मामला सूरजपुर जिले के उपायुक्त सहकारिता कार्यालय से जुड़ा है, जहां पदस्थ सहकारी निरीक्षक अभिषेक सोनी पर 1.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है. यह रिश्वत एक अभ्यर्थी को लेखपाल पद पर नियुक्ति आदेश जारी करने के एवज में मांगी गई थी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता शुभम जायसवाल, निवासी ग्राम करसी, तहसील प्रतापपुर, ने 17 दिसंबर 2025 को उप पुलिस अधीक्षक, ACB अंबिकापुर को लिखित शिकायत सौंपी थी. शिकायत में बताया गया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के माध्यम से सूरजपुर जिले के विभिन्न विकासखंड रामानुजनगर, प्रेमनगर, भैयाथान और प्रतापपुर में बहुउद्देशीय किसान उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया गया था. इन समितियों में छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1980 के तहत संविदा नियुक्तियां की जानी थीं.

शुभम जायसवाल ने लेखपाल पद के लिए आवेदन किया था. पात्रता सूची में नाम आने के बाद वे 1 दिसंबर 2025 को दस्तावेज सत्यापन, टाइपिंग टेस्ट और साक्षात्कार की प्रक्रिया में शामिल हुए. इसके बाद चयन सूची में नाम होने के बावजूद नियुक्ति आदेश जारी करने के नाम पर सहकारी निरीक्षक द्वारा उनसे रिश्वत की मांग की गई.

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शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोपी ने पहले 1 लाख रुपये और बाद में 80 हजार रुपये पर सहमति जताई. अंततः पहली किस्त के रूप में 40 हजार रुपये तत्काल देने पर सौदा तय हुआ. ACB ने पूरी योजना बनाकर जाल बिछाया.

निर्धारित योजना के तहत शिकायतकर्ता रिश्वत की राशि लेकर उपायुक्त सहकारिता कार्यालय पहुंचा और आरोपी को पैसे सौंप दिए. आरोपी ने रकम लेकर अपनी जैकेट की जेब में रख ली और अगले दिन नियुक्ति आदेश देने का भरोसा दिलाया. इसी दौरान ACB अंबिकापुर की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के समय आरोपी बार-बार मुंह छिपाने की कोशिश करता रहा.

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फिलहाल आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है. समाचार लिखे जाने तक मौके पर पूछताछ की प्रक्रिया जारी थी. ACB की इस कार्रवाई से सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कड़ा संदेश गया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.