"अकेले में पकड़कर अश्लील हरकतें करता है CMHO ..." महिला कर्मचारी ने स्वास्थ्य विभाग के अफसर पर लगाए गंभीर आरोप  

सुकमा जिले में स्वास्थ्य विभाग के अफसर पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगे हैं. इन आरोपों की जांच के कलेक्टर ने निर्देश भी दे दिए हैं. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला? 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला के स्वास्थ्य विभाग में महिला उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला सामने आया है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आरके सिंह पर विभाग की आदिवासी महिला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता ने पूरे घटनाक्रम की लिखित शिकायत कलेक्टर सुकमा को सौंपी, जिसके बाद कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच टीम का गठन कर दिया। टीम ने पीड़िता का बयान दर्ज कर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है.

CMHO के आवास में खाना बनाने की जिम्मेदारी सौंपी 

पीड़िता के अनुसार वह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किस्टाराम में पदस्थ थी. 21 अगस्त को अचानक उसका स्थानांतरण सीधे सीएमएचओ कार्यालय कर दिया गया. मामला तब और गंभीर हो गया जब कार्यालय में काम लेने के बजाए उसे सीएमएचओ के निजी आवास में भोजन बनाने की ड्यूटी सौंप दी गई.

पीड़िता का आरोप है कि खाना बनाते समय जब वह घर में अकेली होती थी, तब सीएमएचओ उसे पकड़ते, गले लगाते और अश्लील व डबल मीनिंग बातें करते थे. विरोध करने पर भी वे अपने पद का दबाव बनाकर उसे डराते-धमकाते रहे.

पद का दुरुपयोग 

पीड़िता के आरोपों ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और अधिकारियों की मनमानी को कठघरे में खड़ा कर दिया है. विभाग के अंदरखाने में भी यह चर्चा है कि किसी महिला कर्मचारी को कार्यालय के बजाय अधिकारी के घर निजी कार्य के लिए तैनात करना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि गंभीर प्रशासनिक अपराध भी है. इस घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि यदि विभाग के भीतर ही महिला कर्मचारी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा और न्याय की जिम्मेदारी कौन निभाएगा?

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पूर्व विधायक ने की एफआईआर की मांग 

मामले को लेकर पूर्व विधायक और आदिवासी नेता मनीष कुंजाम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर पद का दुरुपयोग है. एक आदिवासी महिला कर्मचारी के साथ वरिष्ठ अधिकारी द्वारा छेड़छाड़ किया जाना बेहद शर्मनाक और घोर अपराध है. ऐसे मामलों में केवल विभागीय जांच काफी नहीं है, बल्कि आरोपी के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. कुंजाम ने सवाल उठाया कि स्वास्थ्य विभाग जैसे संवेदनशील विभाग में यदि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा की यह हालत है, तो दूर-दराज के ग्रामीणों और मरीजों को न्याय कौन दिलाएगा?

CMHO ने कहा—आरोप निराधार

वहीं सीएमएचओ आरके सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें झूठा और मनगढ़ंत बताया है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किसी भी महिला कर्मचारी के साथ कोई अनुचित व्यवहार नहीं किया गया है और सच्चाई जांच के बाद सामने आ जाएगी.

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