Student Suicide: ये गलत है! परीक्षा परिणाम से दुखी 9वीं के स्टूडेंट ने दे दी जान, NSUI ने यहां जताया विरोध

Student Suicide Case: इस घटना से परिजन सदमे में हैं. वहीं अन्य छात्रों के अभिभावक परीक्षा में कम नंबर लाने या सप्लीमेंट आ जाने से इस तरह की घटनाओं में कमी लाने को लेकर सचेत दिख रहे हैं. वहीं बच्चों की पढ़ाई को लेकर मानसिक दबाव न देने की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं.

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Student Suicide: स्टूडेंट सुसाइड केस

Student Suicide in Surajpur: सूरजपुर में एक नाबालिग छात्र ने SECL क्वाॅटर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह छात्र कक्षा 9वीं में पढ़ाई करता था. परीक्षा परिणाम आने पर इसे पता चला कि दो विषय में सप्लीमेंट्री आयी है. इस खबर से छात्र दुखी और नाखुश रहने लगा था. इसके पिता SECL कंपनी में सुरक्षा प्रहरी के पद पर पदस्थ हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिनों यह छात्र अपना रिजल्ट लेने स्कूल गया था, परीक्षा परिणाम में दो विषय में सप्लीमेंट्री आ जाने से वह बेहद परेशान हो गया, जिसके बाद वह कुमदा कॉलोनी अपने घर चला गया और रात को घर पर खाना खाकर सो अपने कमरे में सोने चला गया. सुबह छात्र के माता-पिता जब बाथरूम गए तो देखा कि उनका पुत्र पाइप के सहारे दुपट्टा से झूल रहा है.

हॉस्पिटल ले गए, लेकिन तक तक हो चुकी थी मौत

फांसी के फंदे से लटकता देख, छात्र के परिजन उसे तत्काल फंदे से उतारकर हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने आशंका जताई है कि रिजल्ट में सप्लीमेंट्री आने की वजह से ही उनके बेटे ने आत्महत्या की होगी. फिल्हाल विश्रामपुर पुलिस ने मर्ग कायम आत्महत्या के कारणों की जांच में जुट गई है.

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छात्र संगठन NSUI का विरोध

सूरजपुर में NSUI छात्र संगठन ने इसका विरोध जताया है. इस संगठन के लोगों ने पहले भी कक्षा 9वीं, और 11वीं के छात्रों के सप्लीमेंट्री व फेल होने पर अपना विरोध जताया था और स्कूल के प्रिंसिपल से चर्चा कर छात्रों को मानसिक दबाव को कम करने के लिए स्कूली शैक्षणिक गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत पर बात रखी थी.

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सपना को पूरा करने की उम्मीदें

आमतौर पर पैरेंट्स की उम्मीदें कुछ ज्यादा ही होती हैं. लेकिन वे कभी भी अपने बच्चों को असफलता के लिए तैयार नहीं करते. बच्चों पर सफलता का प्रेशर रहता. उन्हें अपने पैरेंट्स के सपनों को पूरा करने का दवाब रहता है, जो कि गलत है. पेरेंट्स को एक बात अपने बच्चों को हमेशा याद दिलानी चाहिए कि जीवन सफलता और असफलता से ऊपर है. क्योंकि जिंदगी सिर्फ़ एक बार मिलती है और यह ईश्वर का दिया सबसे बड़ा वरदान है. अपनी तरफ से पूरी ईमानदारी से मेहनत और कोशिश करनी चाहिए, उसके बाद नजीता चाहे कुछ भी हो.

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