छत्तीसगढ़ की सड़कों पर आवारा पशुओं की भरमार, बढ़ रहा हादसों का खतरा

Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ की सड़कों पर इन दिनों आवारा मवेशियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है, जिससे से लेकर गाड़ी चलाने वाले तक को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बरसात के चलते मवेशियों ने सड़कों को अपना ठिकाना बना लिया है.

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छत्तीसगढ़ की सड़कों पर आवारा पशुओं की भरमार, बढ़ रहा हादसों का खतरा

Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ की सड़कों पर इन दिनों आवारा मवेशियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है, जिससे से लेकर गाड़ी चलाने वाले तक को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, बरसात के चलते मवेशियों ने सड़कों को अपना ठिकाना बना लिया है, जिससे आम जनता अपने मूल काम से हटकर अस्पताल तक पहुंच जाती है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि मवेशी मालिक अपने पशुओं का दोहन कर उन्हें खुले में छोड़ देते हैं, जिससे सड़क पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, स्थानीय प्रशासन दावा करता है कि उन्होंने व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया है. लेकिन सड़कों पर बैठे मवेशियों की वजह से आए दिन होने वाले हादसे उनकी दावों की पोल खोल रहे हैं.

मवेशियों के चलते हो रहे हादसे

राहगीर और मोटरसाइकिल सवार इस बात को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं कि कब सड़क पर बैठे मवेशी उठकर चलने लगें या आपस में लड़ने लगें. कई बार ऐसी अप्रिय घटनाओं में लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं. मवेशियों का झुंड बनाकर मुख्य मार्ग पर बैठना आम राहगीरों और गाड़ी चलाने वालों के लिए हमेशा दुर्घटना का अंदेशा पैदा करता है.

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स्थानीय प्रशासन ने किया दावा

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि उन्होंने व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया है. प्रशासन के अनुसार, स्थानीय गौशाला में काऊ कैचर और पंचायत के कर्मचारियों के माध्यम से पशुओं को इकट्ठा कर शाम को गौशाला में छोड़ दिया जाता है. इसके साथ ही मवेशी मालिकों के जन जागरूकता के लिए अनाउंस भी कराया जा रहा है.

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जनजागरूकता की भी कमी

स्थानीय निवासियों का मानना है कि मवेशी मालिक इस समस्या के सबसे बड़े जिम्मेदार हैं, जो अपने पशुओं का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें सड़क पर छोड़ देते हैं. प्रशासन की तरफ से लोगों को जागरूक करने का काम किया जा हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान अभी भी नहीं मिल पाया है.

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बता दें कि इस मुद्दे पर स्थानीय निवासियों और प्रशासन के बीच लगातार शिकायतें और चर्चाएं होती रहती हैं, लेकिन स्थायी समाधान के अभाव में सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है.

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