Gariaband News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जहां अंधविश्वास और लापरवाही ने तीन मासूम बच्चियों की जान ले ली. दरअसल, मैनपुर विकासखंड के धनोरा गांव में बीते तीन दिनों के भीतर एक ही परिवार की तीन बच्चियां दम तोड़ चुकी हैं. परिजनों के अनुसार, तीनों बच्चियों को शुरुआत में केवल सर्दी-खांसी के लक्षण थे, लेकिन इलाज के बजाय परिजन उनका झाड़-फूंक करवाते रहे, जिससे उनकी हालत और बिगड़ती गई.
एक बच्ची ने 13 तारीख को, दो बच्चियों ने 16 तारीख की सुबह और शाम को दम तोड़ दिया. तीनों बच्चियों की उम्र 8, 5 और 2 वर्ष बताई जा रही . स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, तीनों बच्चियां पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं और समय रहते उनका इलाज नहीं कराया गया. गांव के कुछ लोग बीमारी को साधारण समझकर झाड़-फूंक और टोना-टोटका ही कराते रहे. परिवार के लोग भी इसी अंधविश्वास में फंसे रहे, जिसका नतीजा ये हुआ कि तीन मासूमों की एक-एक कर दर्दनाक मौत हो गई.
जांच में जुटा जिला प्रशासन
सबसे गंभीर बात यह है कि खबर लिखे जाने तक स्वास्थ्य विभाग को इस स्थिति की कोई भनक नहीं थी. जब तीन मौतों की खबर एक साथ फैली, तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और टीम धनोरा गांव पहुंची. लेकिन तब बच्चियों के माता-पिता गांव में नहीं थे, जिससे मामला और गंभीर हो गया. विभागीय टीम अब मृतक बच्चियों के माता-पिता और परिजनों की तलाश में जुटी है, ताकि पूरी घटना की सच्चाई सामने लाई जा सके. जिला प्रशासन ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं.
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अधिकारियों का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की अनदेखी और झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों के कारण यह दर्दनाक घटना हुई. आने वाले दिनों में इस पूरे मामले पर क्या कार्रवाई की जाती है, इस पर प्रशासनिक हलकों और स्थानीय लोगों की नजर बनी हुई है. सबसे बड़ा सवाल आदिवासी वन अंचल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं के होते हुए भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास हावी है. इसी अंधविश्वास ने तीन बच्चियों की जान ले ली.
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