सर्चिंग ऑपरेशन पर निकले जवानों ने ध्वस्त किया नक्सली लीडर का स्मारक, मुख्यधारा से जुड़ने की अपील

माओवादी नक्सली संगठन से जुड़े बड़े नक्सलियों की याद में अक्सर अपनी पकड़ वाले इलाकों में स्मारक बनाते हैं. अक्सर ये स्मारक ऐसे नक्सलियों की याद में बनाए जाते हैं जिनकी पुलिस मुठभेड़ में मौत हो जाती है या ऐसे नक्सली लीडर जो नक्सलवाद को लंबा समय देने के बाद बीमारी से जान गंवा देते हैं.

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दंतेवाड़ा में जवानों ने ध्वस्त किया नक्सली लीडर का स्मारक

Dantewada News : नक्सलियों के खिलाफ जवान जंगलों में पुलिसिया तंत्र और मुखबिर की सूचना पर लगातार ऑपरेशन चलाते रहते हैं. दंतेवाड़ा से DRG जवान और बस्तर फाइटर के जवान संयुक्त ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों को पीछे खदेड़ने की मुहिम लगातार चला रहे हैं. ऐसा ही एक ऑपरेशन जवानों ने शनिवार सुबह नक्सलियों की तलाश में अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित अरनपुर थानाक्षेत्र के अंदरूनी इलाके में चलाया. 

जवान सर्चिंग करते हुए दंतेवाड़ा जिले के शरहदी जिला सुकमा के पोरदेम गांव के पास पहुंचे. यहां जवानों को नक्सलियों की दरभा डिवीजन में सक्रिय मलांगीर एरिया कमेटी के नक्सली लीडर लोकेश का स्मारक दिखाई दिया, जिसे जवानों ने मौके पर ही ध्वस्त कर दिया. लोकेश मलांगीर एरिया कमेटी में एलजीएस कमांडर के पद पर नक्सलियों के संगठन के लिए काम करता था. दंतेवाड़ा एडिशनल एसपी रामकुमार बर्मन ने बताया कि नक्सली लीडर लोकेश मलांगीर एरिया कमेटी में एलजीएस कमांडर था.

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स्मारक क्यों बनाते हैं नक्सली?

साल 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान जवानों ने अरनपुर के जंगलों में लोकेश का एनकाउंटर कर दिया था, जिसकी याद में नक्सलियों ने यह स्मारक बना रखा था. माओवादी नक्सली संगठन से जुड़े बड़े नक्सलियों की याद में अक्सर अपनी पकड़ वाले इलाकों में स्मारक बनाते हैं. अक्सर ये स्मारक ऐसे नक्सलियों की याद में बनाए जाते हैं जिनकी पुलिस मुठभेड़ में मौत हो जाती है या ऐसे नक्सली लीडर जो नक्सलवाद को लंबा समय देने के बाद बीमारी से जान गंवा देते हैं. फिर इन्हीं मरे हुए नक्सली साथियों की याद में नक्सली हर साल दिसंबर में 'नक्सली PLGA सप्ताह' मनाते हैं.

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मुख्यधारा से जुड़ने की अपील

स्मारक ध्वस्त करने के बाद जवानों ने ग्रामीणों से मिलकर चर्चा की, जिसमें भटके हुए नक्सलियों के लिए शासन की ओर से लोन वर्राटू अभियान के तहत अपील की गई कि हिंसा और प्रतिरोध का रास्ता छोड़कर शांति की राह चुनें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और शासन की जनहित योजनाओं का लाभ उठाएं.