10000 महीना कमा कर सेल्समैन कैसे बना करोड़पति? राज खुला तो दंग रह गए लोग

कंपनी का डायरेक्टर अखिलेश महज 10 हजार रुपये के वेतन में सेल्समैन का करता था काम, लेकिन नौकरी छूटने के बाद अकेले ही कंपनी बना लिया और तीन साल के अंदर सौ करोड़ टर्नओवहर वाले कंपनी का मालिक बन गया

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Chhattisgarh News in Hindi: छत्तीसगढ़ के कोरबा में 10 हजार रुपये की नौकरी करने वाला सेल्समैन करोड़पति निकाला. इमलीडुग्गू निवासी अखिलेश सिंह तीन साल पहले एक मनिहारी की दुकान में सेल्समैन के रूप में काम करता था और इसके बदले उसे मात्र 10 हजार रुपये वेतन मिलता था, लेकिन तीन साल बाद सेल्समैन अखिलेश सिंह फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर और 100 करोड़ से अधिक के टर्न ओवहर वाले कंपनी का मालिक बन गया.

10000 रुपये महीना वेतन वाला सेल्समैन करोड़पति

हालांकि जब पुलिस ने अखिलेश सिंह को गिरफ्तार किया तो इस दौरान जो खुलासे हुए उसे सुन लोग हैरान रह गए. दरअसल, पुलिस ने अखिलेश सिंह को ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पुलिस ने छह और लोगों को नामजद आरोपित बनाया है. 

बता दें कि इमलीडुग्गू निवासी और फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर अखिलेश सिंह केवल 12 वीं पास हैं और तीन साल पहले एक मनिहारी की दुकान में सेल्समैन के रूप में काम करता था. इस दौरान काम के बदले उसे 10 हजार रुपये वेतन मिलता था, लेकिन कोरोना काल के दौरान उसकी नौकरी चली गई और वो बेरोजगार हो गया.

ऐसे बना सेल्समैन करोड़पति

इसके बाद उसने फ्लोरा मैक्स से यूट्यूब चैनल बनाया और खुद गांव-गांव घूम कर महिलाओं को आजीविका से जोड़ने की मुहिम चलाई. साल 2020 में पहली बार उसने उरगा और सेमीपाली गांव में 10-10 महिलाओं का दो समूह तैयार किया. फिर इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का भरोसा दिला कर 30-30 हजार रुपये का लोन दिलाया और इस राशि को फ्लोरा मैक्स कंपनी में निवेश किया. इतना ही नहीं इन महिलाओं को लाभ भी मिलने लगा. जिसके बाद देखा देखी उस क्षेत्र की महिलाएं फ्लोरा मैक्स से जुड़ने लगी.

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एक साल के अंदर ही 38 वर्षीयअखिलेश सिंह ने शहर के सिटी माल में 20 से 25 दुकानों को एक साथ किराए पर लिया और मार्ट की तर्ज पर कारोबार शुरू किया.

5 जिलों के 37 हजार महिलाओं से 110 करोड़ की ठगी

बता दें कि कंपनी में निवेश करने वाली महिलाओं को इस मार्ट से कपड़े, खाद्य और सौंदर्य सामाग्री उपलब्ध कराया जाता था. कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराए गए सामाग्री बेचने के एवज में महिलाओं को एक निश्चित राशि दी जाती थी. कंपनी की प्रसिद्धि बढ़ती गई. जिसके बाद 5 जिलों के 37 हजार महिलाओं ने 110 करोड़ रुपये का निवेश किया, लेकिन अचानक महिलाओं को निश्चित राशि बंद कर दी गई, जिसके बाद यह मामला पुलिस तक पहुंचा. 

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