Chhattisgarh Naxal News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में एक बार फिर सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. इस बार यहां एनकाउंटर नहीं, बल्कि आत्मसमर्पण की बड़ी घटना सामने आई है. दरअसल, यहां पुलिस और सुरक्षाबलों की लगातार दबाव पूर्ण कार्रवाई के बीच नक्सल उन्मूलन अभियान और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 30 लाख के इनामी 8 नक्सलियों ने नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
आत्मसमर्पण करने वालों में 6 पुरुष और 2 महिला माओवादी शामिल हैं. इनमें शीर्ष कैडर के डीवीसीएम, पीपीसीएम और एसीएम जैसे बड़े पदाधिकारी भी रहे हैं.पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों पर कुल 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था. सभी को सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
इन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
- सुखलाल जुर्री- डीवीसीएम डॉक्टर, इनाम 8 लाख रुपये
- हुर्रा उर्फ हिमांशु- पीपीसीएम, इनाम 8 लाख रुपये
- कमला गोटा- एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये
- राजू पोडियाम उर्फ सुनील- एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये
- अन्य चार नक्सली छोटे कैडर के हैं, जिन पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था.
आत्मसमर्पण के बाद किया चौंकाने वाला खुलासा
Naxal Surreender News Update: आत्मसमर्पण के बाद इंटेरोगेशन में डीवीसीएम डॉक्टर सुखलाल ने चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि “शीर्ष कैडर के माओवादी लीडर्स ही आदिवासियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं. वे जल-जंगल-जमीन की रक्षा और समानता-न्याय दिलाने का झूठा सपना दिखाकर बस्तर के लोगों को गुलाम बना लेते हैं. महिला नक्सली कमला गोटा ने भी संगठन में महिलाओं के शोषण की सच्चाई सामने रखी. उन्होंने कहा कि नक्सली संगठन में स्थानीय नक्सलियों का शोषण तो होता ही है, साथ ही महिला नक्सलियों का जीवन नर्क बन चुका है. बड़े लीडर्स उन्हें दासी की तरह इस्तेमाल करते हैं और व्यक्तिगत शोषण भी करते हैं.
सरकार की नीति और अभियान का हुआ असर
नारायणपुर पुलिस के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक 148 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लगातार कैंप और अभियान से नक्सली संगठन में हताशा और आंतरिक मतभेद बढ़ रहे हैं. यही कारण है कि बड़े कैडर के नक्सली भी अब मुख्यधारा में लौटने लगे हैं. नारायणपुर में 30 लाख के इनामी नक्सलियों का आत्मसमर्पण न केवल पुलिस और सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता है, बल्कि यह नक्सल संगठन को रणनीतिक झटका भी है. आत्मसमर्पित नक्सलियों के खुलासे से यह साफ हो गया है कि संगठन के शीर्ष नेता आदिवासियों को बरगलाकर उनके साथ शोषण कर रहे हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की पुनर्वास नीति से जुड़ सकते हैं.
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आत्मसमर्पण कार्यक्रम नारायणपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित किया गया. इसमें ITBP और BSF के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस अधिकारी, जवान और मीडिया कर्मी बड़ी संख्या में मौजूद रहे.
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