छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से उपजे असंतोष को भुनाने में जुटी कांग्रेस, नेता प्रतिपक्ष ने दिया बड़ा इशारा !

Chhattisgarh News: गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के दौर में अचानक पहुंचे छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी ने सेकंड लाइन की राजनीति शुरू कर दी है, इन्हें जानें की बहुत जल्दी है. उन्होंने आगे कहा कि “संविधान के विपरीत 14 मंत्रियों की संख्या रखी गई है. इसके बाद अनुभवहीन लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल कर दिया गया, जबकि अनुभवी और संस्कारवान लोगों को दरकिनार कर दिया गया है.

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Vishnudev sai Cabinet Expension: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन से छत्तीसगढ़ के भाजपा (BJP) विधायकों में कितना असंतोष है, यह तो भारतीय जनता पार्टी के नेता ही बता सकते हैं. लेकिन, लगता है कि इस कथित असंतोष को अब छत्तीसगढ़ की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) और उसके नेता भुनाने  की तैयारी में हैं. इस मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रदेशभर में सक्रिय कांग्रेस नेताओं ने जिस तरह एक राय होकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है, उससे तो इसी तरह के संकेत मिल रहे हैं.

दरअसल, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के दौर में अचानक पहुंचे छत्तीसगढ़  के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने यहां पत्रकारों से बातचीत में भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी ने सेकंड लाइन की राजनीति शुरू कर दी है, इन्हें जाने की बहुत जल्दी है. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत ने कहा कि लोग बताते हैं कि कांग्रेस शासनकाल में जिस कार्य का खर्च 100 रुपये होता था. वह अब डेढ़ गुना बढ़ गया है. कोयले पर कांग्रेस सरकार के समय 25 रुपये  लिया जाता था, जिसे बढ़ाकर अब 40 रुपये कर दिया गया है. "उन्होंने आगे कहा कि “संविधान के विपरीत 14 मंत्रियों की संख्या रखी गई है. इसके बाद अनुभवहीन लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल कर दिया गया, जबकि अनुभवी और संस्कारवान लोगों को दरकिनार कर दिया गया है.

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छत्तीसगढ़ सरकार मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को लेकर"नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत की इस बयानबाजी को राजनीतिक पंडित दूरगामी नजरिए से देख रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस मंत्रिमंडल के पुनर्गठन से उपजे असंतोष को भुनाने ने की तैयारी में है. हालांकि, ऐसा माना जाता है कि भाजपा के नेता और विधायक पार्टी लाइन से बाहर नहीं जाते और न ही किसी भाजपा विधायक ने मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर खुलेआम आक्रोश जताया है. उसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष का बयान राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. 

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