पंचतत्व में विलीन हुए पद्मश्री कवि; कुमार विश्वास ने कहा- सुरेंद्र दुबे के बिना छत्तीसगढ़ की कल्पना नहीं

Surendra Dubey: कुमार विश्वास ने सुरेंद्र दुबे के निधन पर लिखा है कि "छत्तीसगढ़ी भाषा व संस्कृति के वैश्विक राजदूत, मुझे सदैव अनुजवत स्नेह देने वाले, बेहद ज़िंदादिल मनुष्य, कविश्रेष्ठ पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे जी का निधन सम्पूर्ण साहित्य-जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. मेरे हृदय के रायपुर का एक हिस्सा, आपकी अनुपस्थिति को सदैव अनुभव करेगा भैया."

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
CG News: सुरेंद्र दुबे के बिना नहीं कर पाएंगे छत्तीसगढ़ की कल्पना : कुमार विश्वास

Dr Surendra Dubey News: मशहूर हास्य कवि पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे के निधन पर कवि कुमार विश्वास ने दुख जताया है. उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचकर पद्मश्री सुरेंद्र दुबे को अंतिम श्रद्धांजलि दी. कवि कुमार विश्वास ने सुरेंद्र दुबे को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "मेरी पहली बार उनसे मुलाकात 1991 में हुई थी. मैंने उनके पूरे सफर को देखा है. वह एक छोटी सी जगह से निकलकर दुर्ग आए और उसके बाद उन्होंने रायपुर तक सफर तय किया. उनका जाना हमारे लिए बहुत दुखद है और हम सुरेंद्र दुबे के बिना छत्तीसगढ़ की कल्पना नहीं कर पाएंगे. मुझे लगता है कि उनका निधन छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी हानि है और हम सबको इससे उबरने में समय लगेगा."

कुमार विश्वास का संदेश

कुमार विश्वास ने लिखा है कि "छत्तीस गढ़ों की बौद्धिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक धरोहर के स्थापित पर्याय, पेशे से तन में तथा शाब्दिक हुनर से मन में जान फूंकने में कुशल तथा मंच पर अपनी "सांस लेने" की धुन पर तालियाँ समेटने वाले पद्मश्री हिन्दीपुत्र डॉ सुरेन्द्र दुबे जी के निधन से सम्पूर्ण साहित्य समाज अपूर्य क्षति की मनोदशा में है. कविवर आप सदैव हमारी मुस्कुराहटों में सजीव रहेंगे. आपको अशेष श्रद्धा प्रणाम"

Advertisement
Advertisement

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि "छत्तीसगढ़ी भाषा व संस्कृति के वैश्विक राजदूत, मुझे सदैव अनुजवत स्नेह देने वाले, बेहद ज़िंदादिल मनुष्य, कविश्रेष्ठ पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे जी का निधन सम्पूर्ण साहित्य-जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. मेरे हृदय के रायपुर का एक हिस्सा, आपकी अनुपस्थिति को सदैव अनुभव करेगा भैया. पूरे परिवार को ईश्वर इस आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करे."

Advertisement

इन्होंने भी दी श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह ने पद्मश्री सुरेंद्र दुबे को अंतिम श्रद्धांजलि दी. छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सुरेंद्र दुबे कॉलेज में मेरे जूनियर थे, वे मुझसे एक साल छोटे थे. मेरा उनसे बहुत करीबी रिश्ता था. उनकी आवाज ऐसी थी कि मानो छत्तीसगढ़ से निकलकर आती हो और छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाती हो. उनकी हास्य कला अद्भुत थी, जिससे पूरा भारत और दुनिया हंसती थी. छत्तीसगढ़ में गांव हो, शहर हो या गली-मोहल्ला, उनकी लोकप्रियता का कोई मुकाबला नहीं था."

हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का गुरुवार को 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. भारत सरकार ने साल 2010 में उन्हें देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया था.

उनके निधन पर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय समेत कई नेताओं ने दुख जताया. सीएम ने एक्स अकाउंट पर लिखा, ''छत्तीसगढ़ी साहित्य व हास्य काव्य के शिखर पुरुष, पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. अचानक मिली उनके निधन की सूचना से स्तब्ध हूं. अपने विलक्षण हास्य, तीक्ष्ण व्यंग्य और अनूठी रचनात्मकता से उन्होंने न केवल देश-विदेश के मंचों को गौरवान्वित किया, बल्कि छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई. जीवनपर्यंत उन्होंने समाज को हंसी का उजास दिया, लेकिन आज उनका जाना हम सभी को गहरे शोक में डुबो गया है. उनकी जीवंतता, ऊर्जा और साहित्य के प्रति समर्पण सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों और असंख्य प्रशंसकों को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करें.''

यह भी पढ़ें : अब दो पहिया वाहन को भी देना होगा Toll टैक्स? 15 जुलाई से लागू होगा सिस्टम; जानिए क्या है नये नियम की सच्चाई

यह भी पढ़ें : MP में बने घोटाला जांच आयोग! पूर्व CM ने एक-एक कर गिनाए मध्य प्रदेश के घोटाले, जानिए क्यों उठा ये मुद्दा

यह भी पढ़ें : Kannappa Review: विष्णु माचू का जोरदार क्लाइमेक्स; 'कन्नप्पा' में कैसी रही प्रभास-अक्षय कुमार और मोहनलाल की परफॉर्मेंस

यह भी पढ़ें : Jagannath Rath Yatra 2025 : भक्तों के बीच रहेंगे भगवान! जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व; यहां है पूरी जानकारी