युक्तियुक्तकरण मामला: हजारों स्कूल नहीं होंगे बंद, अफसर बोले- सिर्फ इतने का ही होगा समायोजन  

Chhattisgarh News: शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि सरकार की मंशा साफ है, हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले. शिक्षकों की तैनाती सिर्फ संख्या के हिसाब से नहीं बल्कि जरूरत के हिसाब से हो. छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक ठोस बदलाव है, जिससे आने वाली पीढ़ी को मजबूत नींव मिलेगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है. इस बीच शिक्षा विभाग के अफसरों ने एक बयान जारी कर बताया है कि युक्तियुक्तकरण से हजारों की संख्या में स्कूलों के बंद होने की बात कही जा रही है जो कि पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन है. स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि असलियत इससे बिलकुल अलग है. प्रदेश सरकार की ओर से जारी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का उद्देश्य किसी की पढ़ाई रोकना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है.

राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा. इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है. इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है. इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है.

Advertisement

इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी. शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे. उनमें केवल प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर आवश्यक समायोजन किया जा रहा है. स्कूल भवनों का उपयोग पहले की तरह ही जारी रहेगा और जहां आवश्यकता होगी, वहां शिक्षक भी उपलब्ध रहेंगे.

Advertisement

ये भी पढे़ं पहली बार ससुराल आईं मंत्री तो क्या हुआ था उनके साथ? NDTV से बातचीत में किया बड़ा खुलासा 

Advertisement

अफसरों ने ये भी बताया कि

 यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि स्कूलों का “समायोजन” और “बंद” होना अलग चीज है. समायोजन का अर्थ है पास के स्कूलों को एकीकृत कर बेहतर संसाधनों का उपयोग. इसका मकसद बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है, न कि स्कूल बंद करना. शिक्षा विभाग ने लोगों से अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है. सच्चाई यह है कि राज्य सरकार स्कूलों को मजबूत करने, पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने और हर बच्चे को बेहतर शिक्षा देने की सुदृढ व्यवस्था में जुटी है.

शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानि तर्कसंगत समायोजन कर रही है. इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो. उन स्कूलों को जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि  बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके. इससे बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे. स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी.  शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा. 

ये भी पढ़ें पूर्व IAS रानू साहू, सौम्या, समीर सहित 6 लोग जेल से रिहा, लेकिन छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी

Topics mentioned in this article