Raigarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ (Raigarh) जिले में एक ही परिवार के पति-पत्नी और दो बच्चों को मिलाकर चार लोगों की हत्या करने वाले कातिल को आखिरकार रायगढ़ पुलिस (Raigarh Police) ने गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. आरोपी से पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी चरित्र शंका के चलते आरोपी ने एक नाबालिग के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया.
दरअसल, 11 सितंबर की सुबह ठुसे केला गांव के राजीव नगर मोहल्ले में ग्रामीणों ने खरसिया पुलिस को सूचना दी थी कि बुधराम उरांव का घर अंदर से बंद है और भीतर खून के धब्बे दिख रहे हैं. इस सूचना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अलावा अलग-अलग थाने के प्रभारी व एफएसएल, डॉग स्क्वायड और बीडीएस की टीम मौके पर पहुंची. इस दौरान पुलिस ने जांच में बुधराम उरांव (42), उसकी पत्नी सहोद्रा (37) और दोनों बच्चों अरविंद (12) और शिवांगी (5) के शव बाड़ी में खाद के गड्ढे से बरामद किया. एक ही परिवार के चार लोगों की धारदार हथियार से जघन्य हत्या के बाद पुलिस आरोपी के खिलाफ धारा 103(1) और 238 बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी शुरू की.
एसपी ने खरसिया में लगाया कैंप
रायगढ़ पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने खरसिया में कैंप कर मामले की मॉनिटरिंग की और अलग-अलग थानों के प्रभारी और स्टाफ की विशेष टीमें बनाकर जांच तेज की. इसी दौरान जांच टीम को पड़ोसी लकेश्वर पटेल पर संदेह हुआ. साक्ष्य मिलने पर पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि राजमिस्त्री का काम करता है. उसका पड़ोसी बुधराम उरांव भी राजमिस्त्री का काम करता था, जो अपने परिवार के साथ रहता था. दोनों के बीच पिछले कुछ समय से कई कारणों से झगड़ा और विवाद चल रहा था.
बुधराम पर करता था चरित्र शंका
आरोपी ने बताया कि वह पड़ोसी बुधराम के बाडी की जमीन को खरीदना चाहता था, जिसकी कई बार बुधराम से मांग की, लेकिन बुधराम ने जमीन बेचने से इंकार किया था. करीब 6 माह पूर्व लकेश्वर के लड़के ने बुधराम के घर में घुसकर चोरी भी की थी, जिसे आपस में सुलझा लिया गया था. लकेश्वर पटेल उसके पड़ोसी बुधराम के चरित्र पर भी शंका करता था. इन सभी बातों को लेकर लकेश्वर पटेल बुधराम से रंजिश रखता था और बुधराम की हत्या की योजना बनाकर मौके की ताक में था. इसने घटना के पूर्व बुधराम और उसकी पत्नी की गैर मौजूदगी में उसके घर की रेकी की थी.
कमरे में ही लाश दफनाने का किया था प्रयास
09 सितंबर मंगलवार की रात उसने बुधराम को खूब नशे में देखा था, उसी रात प्लान के मुताबिक आरोपी लकेश्वर और नाबालिग, बुधराम के घर में घुसे और सोए बुधराम, उसकी पत्नी और दोनों बच्चों की हथियार से हमले कर हत्या कर दी. फिर शवों को घर के दूसरे कमरे में जमीन खोद कर दफनाना चाहा, पर जमीन सख्त होने से गढ्ढा नहीं कर पाए और फिर शवों को घसीटते हुए बाड़ी की ओर ले जाकर गढ्ढा कर दफन कर दिया.
घटना का कराया गया री-क्रिएशन
दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद रायगढ़ पुलिस आरोपियों को घटनास्थल से ले जाकर आरोपियों से पूरी घटना का री-क्रिएशन कराया गया. इस दौरान पुलिस ने आरोपियों के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त धारदार टंगिया, रॉड, गैंती, फावड़ा, कपड़े आदि महत्वपूर्ण साक्ष्यों को जब्त कर दोनों आरोपियों को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा दिया गया.
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इनका रहा प्रमुख योगदान
रेंज आईजी डॉ. संजीव शुक्ला , पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा निर्देश पर इस खुलासे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा, एसडीओपी खरसिया प्रभात पटेल, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी पी.एस. भगत के मार्गदर्शन पर घटना की सूचना के 48 घंटे में संदेहियों को पकड़कर खुलासा करने में थाना प्रभारी खरसिया राजेश जांगड़े, चौकी प्रभारी खरसिया अमित तिवारी, थाना प्रभारी छाल त्रिनाथ त्रिपाठी, थाना प्रभारी पूंजीपथरा राकेश मिश्रा, थाना प्रभारी कोतरारोड मोहन भारद्वाज, थाना प्रभारी भूपदेवपुर संजय नाग, चौकी प्रभारी जोबी लक्ष्मी नारायण राठौर के साथ साइबर सेल, थाना चौकी खरसिया के साथ विभिन्न थाना से गठित विशेष टीमें, बीडीएस, डॉग स्क्वायड एफएसएलऔर विशेष टीमों की अहम भूमिका रही.
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