Premnagar Assembly seat: सबसे बड़े अंतर से भाजपा जीती प्रेमनगर सीट, हैट्रिक नहीं बन पाने की परंपरा बरकरार

Chhattisgarh Election Results: 2023 के चुनावों में दिलचस्प बात यह भी है कि तीन बार सांसद और चार बार विधायक रहे सरगुजा संभाग के बड़े आदिवासी नेता खेलसाय सिंह को बीजेपी के एकदम नए चेहरे ने बड़े अंतर से मात दी है, जो एक रिकॉर्ड भी बन गया है.

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Chhattisgarh Election Results 2023: सूरजपुर ज़िले के अंतर्गत तीन विधानसभा आते हैं. प्रेम नगर (Prem Nagar) भटगांव (Bhatgaon) और प्रतापपुर (Pratappur)और इस चुनाव में तीनों विधानसभा भाजपा के खाते में चली गई. बात करें प्रेम नगर विधानसभा क्षेत्र (Prem Nagar Assembly Constituency) की, तो 1967 में अस्तित्व में आई, इस विधानसभा में अब तक यह रिकॉर्ड देखने को मिला है कि यहां से किसी भी प्रत्याशी को तीसरी दफा जीत का स्वाद चखने को नहीं मिला.

2023 के चुनावों में दिलचस्प बात यह भी है कि तीन बार सांसद और चार बार विधायक रहे सरगुजा संभाग के बड़े आदिवासी नेता खेलसाय सिंह को बीजेपी के एकदम नए चेहरे ने बड़े अंतर से मात दी है, जो एक रिकॉर्ड भी बन गया है. दरअसल, आज तक हुए चुनावों के नतीजे में इतने मतों के अंतर से किसी भी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली थी. इस लिहाज से प्रेमनगर विधानसभा क्षेत्र का जो रिवाज़ है, वह भी बदस्तूर कायम है. यहां से लगातार दूसरी जीत के बाद कोई भी उम्मीदवार "हैट्रिक" नहीं लगा पाए. लिहाजा, इस बार भी यहां के मतदाताओं ने इस परंपरा का निर्वहन करते हुए, कांग्रेस के एक बड़े चेहरे को हार का मुंह दिखा दिया है.

कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशियों में तुलनात्मक अंतर

 प्रेमनगर से लगातार कभी विधायक तो कभी सांसद रहे  कांग्रेस प्रत्याशी खेलसाय सिंह के राजनीतिक जीवन से 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रेमनगर सीट से विजय प्रत्याशी की तुलना की जाए तो, भुलन सिंह मराबी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीतकर एक बार DDC बने, फिर दोबारा उसी क्षेत्र को हार भी गए, लेकिन पंचायती राजनीति से जुड़े मराबी ने ग्रामीण स्तर से जिला भाजपा उपाध्यक्ष बनकर खुद को साबित किया. हालांकि राजनीतिक सोच समझ और अनुभव की बात की जाए, तो कांग्रेस नेता खेलसाय सिंह का राजनीतिक सफ़र व अनुभव के आगे भुलन अंकुरित पौधे के समान नजर आते हैं.  RSS की विचारधारा की बदौलत भुलन सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने लगभग ढ़ाई महीने पहले अपना प्रत्याशी बनाकर बीजेपी की पहली सूची में नाम फाइनल कराया. इसके बाद अपनी रणनीति के तहत सधी हुई चाल चली. वहीं, चुनाव से  लगभग 70 दिन पहले टिकट मिल जाने से उन्हें अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पर्याप्त मौका मिल गया. लिहाजा, इस मौके का बखूबी फायदा उठाते हुए आम जनता के अलावा रूठो को मनाया गया, जिसका नतीजा यह रहा कि वह जीत हासिल करने में सफल रहे.

 2108 की तुलना में गुटबाजी और नाराजगी रही हावी  

प्रेमनगर विधानसभा में पिछले 10 वर्षों से खेलसाय सिंह विधायक थे. वह बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति है. उनके बारे में एक कहावत है, 'किसी का बनाया नहीं तो किसी का बिगाड़ा भी नहीं'. पर इस बार उन्हें यह यकीन नहीं था कि क्षेत्र में उनके प्रति नाराजगी इस क़दर होगी. दरअसल, कांग्रेस में गुटबाजी की स्थिति यह रही कि जिला मुख्यालय तक में कांग्रेस की चुनाव के दौरान कोई माहौल नहीं दिखा न किसी ने प्रयास किया. कांग्रेस का कोई नेता नगरपालिका के वार्ड में वोट मांगने भी नहीं गए. नगर पालिका नगर पंचायतों में कांग्रेस के अध्यक्ष और पार्षद हैं. लेकिन, किसी ने भी शहरी वोटरों से संपर्क बनाने या वोट मांगने की कोशिश नहीं की, जिस वजह से मतदाताओं में रोष था, जो कांग्रेस को चुनाव में ले डूबी.

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2023 में ऐसा रहा परिणाम

यहां से भाजपा के भूलन सिंह मराबी को कुल 99957 वोट मिले. वहीं, कांग्रेस के  खेल साईं सिंह को 66667 मिले. यानी भाजपा के उम्मीदवार यहां से 33290 वोटों से विजयी रहे. वहीं, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के  जयनाथ केराम को 14562 वोट मिले. वे इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे.

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2018 में ऐसा था परिणाम

2018 विधानसभा चुनाव में प्रेम नगर विधानसभा संख्या 4 से कांग्रेस के खेलसाय सिंह को  67076 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा के विजय प्रताप सिंह को  51544 इतने वोट मिले थे. तब कांग्रेस के खेलसाय सिंह ने भाजपा के विजय प्रताप सिंह को 15532 मतों से हराया था. 

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