रायपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के एक छात्र ने सोमवार को 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की और परीक्षा से पहले घबराहट से निपटने के तरीकों पर उनसे सलाह मांगी. कांकेर में पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय के शेख कैफुर रहमान ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि घबराहट के कारण परीक्षा में गलतियां भी होती हैं और इसकी वजह से वह प्रश्नपत्र में दिए गए प्रश्नों को ठीक से पढ़ भी नहीं पाते हैं.
मोदी ने शेख कैफुर और अन्य छात्रों को परीक्षा के दौरान धैर्य रखने, अति उत्साहित न होने और खुद को सहज बनाने के लिए कम से कम 10-15 मिनट पहले परीक्षा हॉल में पहुंचने की सलाह दी. उन्होंने छात्रों को परीक्षा के दौरान गहरी सांस लेने और पूरे प्रश्नपत्र को ठीक से पढ़ने की भी सलाह दी ताकि यह रणनीति बनाई जा सके कि प्रत्येक प्रश्न को हल करने में कितना समय लगेगा. मोदी ने छात्रों से लिखने का अभ्यास करने को भी कहा तथा अभिभावकों से परीक्षा से पहले बच्चों को तनाव मुक्त रखने का आग्रह किया.
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आदर्श छात्र में होने चाहिए पांच गुण
दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया, जिसे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में पं. दीनदयाल उपाध्याय सभागार में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ देखा. मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम देखने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक आदर्श छात्र में पांच गुण होने चाहिए- काग चेष्टा (कौवे की तरह प्रयास करना), बको ध्यानम् (बगुले की तरह एकाग्रचित), श्वान निद्रा, अल्पहारी (कम खाने वाला) गृहत्यागी (घर छोड़ने के लिए तैयार रहना).
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'छात्रों के साथ शिक्षक, माता-पिता और प्रधानमंत्री'
साय ने कहा कि छात्र भाग्यशाली हैं कि परीक्षा की तैयारी में उन्हें न केवल अपने शिक्षकों, माता-पिता और दोस्तों का बल्कि देश के प्रधानमंत्री की सलाह और मार्गदर्शन भी मिल रहा है. उन्होंने वहां मौजूद छात्रों से कहा, 'प्रधानमंत्री चिंतित हैं क्योंकि आप देश का भविष्य हैं. प्रधानमंत्री का आपके लिए संदेश है कि परीक्षा एक उत्सव है. उत्साह और पूरी ऊर्जा के साथ एक उत्सव की तरह इसकी तैयारी करें. छात्रों के लिए सकारात्मकता और कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है. आपको हर चुनौती से पार पाते हुए अपनी सकारात्मकता बनाए रखनी होगी.'