Chhattisgarh Paddy News: छ्त्तीसगढ़ सरकार इस बार एक नवंबर की जगह 15 नवंबर से धान खरीदी करने जा रही है. सीएम विष्णुदेव साय की सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया है कि 1 नवंबर तक धान गीला रहेगा जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया है. सरकार का दावा है कि इस बार पिछली बार के मुकाबले 10 लाख टन ज्यादा धान की खरीदी की जाएगी. पिछली बार सरकार ने 1.40 करोड़ टन धान की खरीद की थी. दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस के साथ-साथ किसान संगठनों ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. कांग्रेस का आरोप है कि बिचौलियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने धान खरीद की तारीख बढ़ाई है.
हालांकि इस मामले में खुद कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा ने स्थिति साफ की है. उनका कहना है कि 1 नवंबर तक किसानों का धान गीला ही रहेगा. उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं. मुझे पता है कि 1 नवंबर को धान गीला रहता है तो हम उसे कहीं नहीं ले जा सकते. 15 नवंबर से सरकार ने जो धान खरीदी का फैसला लिया है उसका हम स्वागत करते हैं.
दूसरी तरफ कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर का कनहा है कि राज्य में हर साल 1 नवंबर से धान की खरीदी होती रही है. अब सरकार जिस तरह से नीतियां बना रही है उससे साफ है कि वो किसानों से किए गए अपने ही वादे पूरा नहीं करना चाहती. 3100 रुपये की दर से धान की खरीद करने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं. इसीलिए सरकार आनाकानी कर रही है ताकि किसान परेशान होकर अपना धान बिचौलियों को बेच दें.
वहीं किसान नेता वेगेंद्र सोनबेर ने कहा कि छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस 1 नवंबर को है. अब तक हर बार 1 नवंबर से ही खरीदारी होती रही है. उन्होंने बताया कि लगभग 20 से 30% फसल तैयार हो गई है. आने वाले दिनों में 50 फीसदी फसल तैयार हो जाएगी. किसान यदि 15 नवंबर तक इंतजार करेगा तो उसके सामने भंडारण की समस्या आएगी. ऐसे में यदि बारिश हो गई तो उनकी मुसीबत और बढ़ जाएगी. उन्होंने सरकार से मांग की है कि धान की खरीद 1 नवंबर को ही की जाए.
ये भी पढ़ें: भोपाल में गजब का फर्जीवाड़ा: करीब 10 लाख के नोट को 85 लाख बनाने वाले नकली नोट गिरोह का पर्दाफाश