No-confidence motion against Shivpur Charcha Municipality President: कोरिया जिले में नगर पालिका शिवपुर चरचा की अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर आज फैसला होगा. पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के संबंध कलेक्टर को पत्र दिया था. जिसपर अपर कलेक्टर और पीठासीन अधिकारी ने 23 अगस्त की दोपहर 12 बजे नगर पालिका शिवपुर चरचा के सभाकक्ष में बैठक बुलाई है. अध्यक्ष की कुर्सी किसकी होगी पार्षदों के वोटिंग के बाद इसपर फैसला किया जाएगा. वहीं मतदान को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. कड़ी सुरक्षा के बीच पार्षद मतदान करेंगे.
शिवपुर चरचा नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविस्वास प्रस्ताव
बता दें कि नगर पालिका शिवपुर चरचा जिले का पहला निकाय है, जहां अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर खतरा नजर आ रहा है. दरअसल, यहां भाजपा के पांच पार्षद, कांग्रेस के तीन और दो निर्दलीय पार्षद पिछले 10 दिनों से शहर और जिले से बाहर हैं. सभी पार्षदों के मोबाइल, फोन नम्बर स्विच ऑफ हैं. सभी पार्षद दोपहर 12 बजे सीधे नगर पालिका के सभा कक्ष में पहुंचेंगे, जहां अध्यक्ष की कुर्सी का फैसला होगा.
बीजेपी कांग्रेस आमने सामने
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव से पहले नगर पालिका शिवपुर चरचा में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से राजनीति में गर्माहट आ गई है. हालांकि नगर पालिका शिवपुर चरचा में इस साल चुनाव नहीं होना है. यहां 2026 दिसंबर में चुनाव होना है. इससे पहले ही नगर पालिका के उपाध्यक्ष राजेश सिंह और चार अन्य भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष लालमुनि यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पत्र लाया जाएगा. बता दें कि लालमुनि कांग्रेस से अध्यक्ष हैं. पार्षदों के गायब रहने से संभावना जताई जा रही है कि सभी पार्षद भाजपा के साथ जा सकते हैं, जिससे अध्यक्ष की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है.
नगर पालिका निगम चिरमिरी में भी महापौर और अध्यक्ष के खिलाफ राजनीति तेज
इधर, एमसीबी जिले के नगर पालिका निगम चिरमिरी में भी महापौर और अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. हालांकि यहां इस साल नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी भाजपा पार्षद इससे बचते नजर आ रहे हैं. दूसरी ओर नगर पालिक निगम चिरमिरी में भी महापौर और अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा के 13 पार्षदों ने कलेक्टर और एसडीएम को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पत्र सौंपा है. इतना ही नहीं इस मामले में कार्रवाई न होने पर निगम के नेताप्रतिपक्ष ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी, लेकिन अधिकारियों की समझाइस के बाद यहां मामला ठंडा पड़ गया है.
बता दें कि नगर पालिका शिवपुर चरचा में 15 पार्षद हैं. इनमें 5 भाजपा, 2 निर्दलीय व 8 कांग्रेस के पार्षद हैं. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है. भाजपा पार्षद अब कांग्रेस के असंतुष्ट पार्षदों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रहे हैं. अविश्वास प्रस्ताव की रणनीति बहुत ही गोपनीय तरीके से की गई. कांग्रेस भी अपने पार्षदों को एकजुट करने की तैयारी में है. कांग्रेस पार्षद एकजुट रहे तो अध्यक्ष को हटाना मुश्किल होगा. हालांकि कांग्रेस जिलाध्यक्ष का आरोप है कि उनके दो पार्षद भाजपा के कब्जे में हैं.
पिछले 10 दिनों से बंद है मोबाइल फोन
भारतीय जनता पार्टी के 5 पार्षदों के साथ 3 कांग्रेस व दो निर्दलीय पार्षदों के फोन पिछले 10 दिनों से बंद हैं. फोन नंबर बंद होने की सूचना मिलते ही पूर्व विधायक और जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी ने नगर पालिका कार्यालय में पहुंचकर इन सब की जानकारी ली थी. नदारत कांग्रेसी पार्षदों के घरों में जाकर उनके परिवार के लोगों से भी बात की. सभी ने पारिवारिक कारणों से पार्षदों का घर से बाहर होना बताया.
भाजपा समेत पांच पार्षद शहर से बाहर घूम रहे
शिवपुर चरचा में कांग्रेस से वार्ड नं 4 पार्षद संतोषी एक्का, वार्ड नं 10 पार्षद लाल मोहम्मद, वार्ड नं 15 पार्षद प्रदीप तिवारी और निर्दलीय से वार्ड नं 14 कुमोद मिश्रा, वार्ड नं 5 रामकली का फोन बंद आ रहा है. ऐसे में इनके भाजपा के साथ शामिल होने को लेकर संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा भाजपा के 5 पार्षदों भी शहर से बाहर हैं. नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है, तो 23 अगस्त के बाद सप्ताहभर के भीतर ही शासन की ओर से मनोनित नगर पालिका अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी जाएगी. वहीं 6 माह के अंदर ही नए नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के द्वारा कर दिया जाएगा.
नगर निगम चिरमिरी में कार्रवाई ना होने पर प्रतिपक्ष ने आत्मदाह की दी थी चेतावनी
40 वार्ड वाले नगर निगम चिरमिरी में भाजपा के 13 पार्षद हैं. नेता प्रतिपक्ष संतोष सिंह समेत अन्य पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कलेक्टर और एसडीएम को आवेदन पत्र दिया है. जिस पर कई बार स्मरण पत्र देने पर भी कार्रवाई नहीं होने की बात कहते हुए नेता प्रतिपक्ष ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी, लेकिन अधिकारियों की समझाइए इसके बाद वे मान गए. इसके बाद यहां मामला शांत पड़ता नजर आ रहा है.
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