Negligence in Hostel: दो करोड़ रुपये खर्च कर बनाया गया Boys Hostel, शिफ्टिंग नहीं होने से खंडहर में हो रहा तब्दील...

Rajnandgaon boys Hostel: सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों के लिए दो करोड़ रुपये खर्च करके बॉयज हॉस्टल बनाया गया. लेकिन, अब तक इसी चालू नहीं किया गया. इस कारण हॉस्टल खंडहर बनता जा रहा है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

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कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही के कारण खंडहर हो रहा दो करोड़ का भवन

Government Boys Hostel: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले में लापरवाही का नया मामला उजागर हुआ है. यहां के सरकारी दिग्विजय कॉलेज (Digvijay College, Rajnandgaon) के विद्यार्थियों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शहर के पेंड्री में तीन साल पहले बॉयज हॉस्टल (Boys Hostel) बनाकर तैयार किया गया था. लेकिन, इसका उपयोग नहीं होने के कारण अब यह खंडहर में तब्दील होते जा रहा है. असामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़फोड़ के साथ अभी तक शिफ्टिंग नहीं होने से बिल्डिंग धीरे-धीरे खंडहर होती जा रही है. बता दें कि लगभग दो करोड़ रुपये खर्च कर इसका निर्माण किया गया था.

खंडहर बनता जा रहा है दो करोड़ की लागत से बना बॉइज हॉस्टल

क्या है पूरा मामला

राजनांदगांव जिले के सबसे बड़े शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए तीन साल पहले बॉयज हॉस्टल का निर्माण किया गया था. कॉलेज से हॉस्टल की दूरी अधिक होने के कारण विद्यार्थी वहां रहने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से बने इस भवन के रखरखाव और मेंटेनेंस के अभाव में भवन खंडहर बनता जा रहा है. शहर से दूर होने के कारण विद्यार्थी इस हॉस्टल में रहना पसंद नहीं कर रहे हैं. महाविद्यालय से दूरी और अन्य कारणों से अभी तक इस बॉयज हॉस्टल में शिफ्टिंग नहीं हो पाई है, जिसके कारण हॉस्टल की सुविधा का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है.

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कॉलेज प्रबंधन ने साधी चुप्पी

हॉस्टल के खंडहर होने और बच्चों के इसमें शिफ्टिंग नहीं होने को लेकर महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया गया. बता दें कि इस हॉस्टल में कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के नहीं आने के पीछे सबसे बड़ा कारण इसकी कॉलेज से दूरी है. प्रबंधन ने इस बॉइज हॉस्टल को कॉलेज से 10 किमी दूर शहर के आउटर एरिया में बनवाया है.

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