Naxalites Letter: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. इस बात को खुद नक्सली मान रहे हैं. उन पर हो रही कार्रवाई के बीच नक्सलियों ने एक हाईलेवल की मीटिंग की. इस मीटिंग के बाद अपने एरिया कमेटी को एक पत्र जारी कर लिखा है कि नक्सलियों ने ग्राम सभा कर 130 से ज्यादा लड़ाकों को संगठन में भर्ती किया है.
इनमें 9 साल के बच्चे से लेकर 22 साल तक के युवक हैं. नक्सल संगठन इस बात से परेशान है कि नए लड़ाके अब संगठन में भर्ती नहीं हो रहे हैं. युवक-युवतियों को संगठन में भर्ती करवाना मुश्किल हो गया है. नक्सल संगठन का अस्तित्व खतरे में आ गया है.
तेलुगु भाषा के इस पत्र में लिखा है कि कुछ दिन पहले नक्सलियों की उत्तर बस्तर ब्यूरो में CC, DKSZC कैडर के नक्सलियों की हाई लेवल मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में नक्सल संगठन के काम, नुकसान, कामयाबी और चुनौतियों की समीक्षा की गई और उसकी रिपोर्ट तैयार की गई. जिसमें हाल ही में नक्सल संगठन में हुई भर्ती का जिक्र है. ये लेटर नक्सलियों ने अलग-अलग एरिया कमेटी के पास भेजा है.
नक्सल संगठन में नए लड़ाकों की भर्ती और उन्हें लड़ाई के गुर सिखाने, हथियार चलाने, IED बनाने के तरीके सिखाने की बात लिखी हुई है. पत्र में लिखा है कि कुछ महीने पहले माड़ इलाके में ग्राम सभा कर जितने को भर्ती किया गया था वह अंतिम भर्ती थी. जो भर्ती हुए हैं वे अभी लड़ने योग्य नहीं हैं. अभी फाइटर्स चाहिए. उन्हें नक्सल नीति, राजनीति, लड़ाई लड़ने की ट्रेनिंग दी गई है.
लड़ाई लड़ने में मुश्किल
जो संगठन में हैं उनमें अधिकांश ने सरेंडर कर दिया और कुछ मारे गए हैं. यदि नक्सल संगठन में नई भर्ती नहीं होती है तो नक्सलवाद का अस्तित्व खतरे में है. लड़ाई लड़ने में मुश्किल होने का जिक्र है. माड़ डिवीजन के इंद्रावती एरिया कमेटी और नेलनार एरिया में 130 लोगों की नई भर्ती हुई है. जिन्हें गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दिए हैं. 18 से 22 उम्र के युवक-युवतियों को हथियार थमाया गया है.
लेकिन, 9 से 17 उम्र तक के अभी बच्चे हैं. उन्हें पढ़ाई करवाई गई है. जो अनपढ़ हैं उन्हें अक्षर ज्ञान दिया गया है. भौगोलिक स्थिति के बारे में, नक्सल संगठन, नक्सलवाद के इतिहास और क्रांति के बारे में जानकारी देने की बात लिखी है. साथ ही हर एरिया कमेटी में नई भर्ती करवाने की बात लिखी हुई है.
नक्सली के इस पत्र में लिखा है कि यदि कोई युवक-युवती नक्सल संगठन में शामिल होते हैं, हथियार पकड़ते हैं, तो वे अब गांव न जाएं. क्योंकि उन्हें डर है कहीं लड़ाके सरेंडर न कर दें या फिर पुलिस उन्हें गिरफ्तार न कर दें. पत्र में लिखा हुआ है कि जो भी नए लड़ाके भर्ती हुए हैं उन्हें नक्सलियों के ट्रेनर स्नाइपर समेत अन्य हथियारों की जानकारी दें. एयर स्ट्राइक, जंगल की भौगोलिक स्थिति और गुरिल्ला वार के गुर सिखाएं.
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एजुकेशन डिपार्टमेंट में था नक्सली सुधाकर
दंतेवाड़ा में जवानों ने 25 लाख रुपए के जिस इनामी नक्सली सुधाकर को मारा है वो संगठन के एजुकेशन डिपार्टमेंट का था. नक्सलियों को अक्षर ज्ञान से लेकर उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने का काम करता था. बस्तर में नक्सलियों की स्कूल, नए भर्ती के आंकड़े, किसे क्या ट्रेनिंग देनी है इसकी जानकारी इसी के पास थी और ये यही काम करता था.
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