Bijapur Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) जिले से बीते दिनों बड़ी खबर सामने आई थी. यहां के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र (Indrawati National Forest Area) में रविवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ (Naxal Encounter) में कुल 31 नक्सली ढेर हो गए. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी इस मामले में सुरक्षाबलों की सराहना की थी. अब इस खास अभियान की पूरी कहानी पुलिस अधिकारियों ने सामने रखी है. इसमें महिला सुरक्षा कर्मियों की भी अहम भूमिका सामने आई है. आइए आपको इसके बारे में अधिक जानकारी देते हैं.
नक्सल विरोधी अभियान की तस्वीरें
इसलिए भारी मात्रा में नक्सली आए थे बीजापुर
बीजापुर नक्सली मुठभेड़ को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति, पश्चिम बस्तर संभाग और राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र समिति के नक्सलियों के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगलों में मौजूद होने की सूचना मिली थी. इसपर उन्होंने खास टीम का गठन करके अभियान को अंजाम दिया. सूत्रों की मानें, तो नक्सली मार्च और जून महीने के बीच होने वाले उनके सामरिक अभियान टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) से पहले एक बैठक में शामिल होने के लिए आए थे.
नक्सल विरोधी अभियान में रेस्क्यू की तस्वीर
भेजी गई थी खास टीम
माओवादियों के जंगल में होने की जानकारी मिलने के बाद राज्य पुलिस की इकाई जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और बस्तर फाइटर्स के जवानों को 7 फरवरी से क्षेत्र में अलग-अलग दिशाओं से रवाना किया गया. रणनीतिक रूप से कुछ दलों को पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र पुलिस के लॉन्च पैड से इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में भेजा गया था. इसके बाद, 9 फरवरी की सुबह गश्ती दल एक पहाड़ी पर पहुंचा. वहां नक्सलियों की गतिविधि नजर आई. जब सुबह लगभग आठ बजे सुरक्षा बलों ने पहाड़ी को घेरना शुरू किया, तो नक्सलियों के तरफ से फायरिंग शुरू हो गई.
दो समूह में बंट गए नक्सली
पुलिस के अधिकारी ने बताया कि फायरिंग के समय नक्सली दो समूहों में बंट गए थे. पहला समूह तेलंगाना राज्य समिति के नक्सलियों का था. वे पीछे हटने लगे. दूसरा समूह उनके कवर के लिए गोलीबारी करता रहा. इस दौरान महाराष्ट्र की ओर से घुसे गश्ती दलों ने नक्सलियों को चकित कर दिया. उन्हें उस दिशा से बलों की गतिविधि का अंदाजा ही नहीं था. वे संख्या में कम थे. अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में रुक-रुक कर गोलीबारी शाम करीब चार बजे तक जारी रही. सुरक्षाबलों के मार्ग बदलने की रणनीति ने अभियान में बड़ी सफलता हासिल करने में मदद की और इस अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया.
नक्सल विरोधी अभियान की तस्वीरें
करनी पड़ी 100 किमी की पैदल यात्रा
सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ की जगह, बीजापुर अपने जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर और महाराष्ट्र की सीमा से छत्तीसगढ़ के भीतर 40 किलोमीटर दूर है. तीन दिनों तक चले नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने लगभग 100 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया. अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने माओवादियों के शवों को अस्थायी स्ट्रेचर की मदद से लगभग पांच किलोमीटर दूर लाए, जिसके बाद हवाई सहायता मांगी गई. सुरक्षा बलों के लिए 31 शवों को अपने कंधों पर लगभग 45 किलोमीटर पैदल चलकर लाना संभव नहीं था.
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महिला कमांडरों को हुई पानी की कमी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पानी की कमी से पीड़ित कुछ जवानों को हवाई मार्ग से बीजापुर ले जाया गया. इनमें मुख्य रूप से महिला कमांडो शामिल थीं. मुठभेड़ स्थल से 24 हथियार और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए. मारे गए 31 नक्सलियों में से पांच की पहचान खूंखार नक्सलियों के रूप में की गई, जिन पर कुल 25 लाख रुपये का इनाम था.
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