Anti-Naxal Operation: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Affected Area) नारायणपुर और बीजापुर बॉर्डर पर सुरक्षा बल के जवानों और नक्सलियों के बीच ज़बरदस्त मुठभेड़ की खबर थी. इस मुठभेड़ सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में सात नक्सलियों को मार गिराया है. पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बस्तर के डीआरजी (DRG), बस्तर फाइटर्स (Bastar Fighters) और एसटीएफ (STF) के संयुक्त बल के नक्सल विरोधी सर्च अभियान (Anti Naxal Search Operation) के दौरान संयुक्त बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ रुक-रुक कर मुठभेड़ जारी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार नक्सलियों की तरफ से आधुनिक हथियारों से सुरक्षा बलों के जवानों पर वार किया जा रहा था.
पुलिस का क्या कहना है?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नारायणपुर-बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के प्लाटून नंबर-16 और इंद्रावती एरिया कमेटी के नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर नारायणपुर, दंतेवाड़ा तथा बस्तर जिले के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के संयुक्त दल को गश्त के लिए रवाना किया गया था. उन्होंने बताया कि दल आज सुबह 11 बजे जब क्षेत्र में था तो नक्सलियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की.
इस घटना के साथ ही इस साल राज्य में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 112 नक्सली मारे जा चुके हैं. इससे पहले 10 मई को बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए थे. वहीं, 30 अप्रैल को नारायणपुर और कांकेर जिले की सीमा पर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में तीन महिलाओं सहित 10 नक्सली मारे गए थे. इसके अलावा, सुरक्षाबलों ने 16 अप्रैल को कांकेर जिले में मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया था.
मोदी-शाह की दो टूक : आत्मसमर्पण करो या खत्म कर दिए जाओगे
केंद्रीय गृह (Union Home Minister) एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) अक्सर अपनी सभाओं और इंटरव्यू में यह कहते रहते हैं कि आने वाले 2 साल में नक्सलवाद को समाप्त कर देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के तीसरे टर्म में नक्सलवाद से पूर्ण मुक्त होगा छत्तीसगढ़, ये मोदी की गारंटी है.
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डिप्टी सीएम ने नक्सलियों से पूछा- वे बताएं समर्पण नीति में क्या चाहते हैं?
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा (Vijay Sharma) ने कहा है कि हम तो नक्सलियों से ही पूछना चाहते हैं कि, वे बताएं समर्पण नीति में क्या चाहते हैं? बंदूक रखकर जंगल में घूमने का क्या मतलब? मुख्यधारा में चलें, लोकतंत्र अपनाएं, देश और समाज की उन्नति करें. हम पूरी तरह आशान्वित हैं, शीघ्र ही बस्तर में खुशी का माहौल होगा, बस्तर उन्नति के मार्ग पर प्रशस्त होगा." हमने मेल आईडी, गूगल फॉर्म भी जारी किया जिसमें आप सुझाव दे सकते है.
विजय शर्मा ने नक्सली नेताओं से पूछा है कि चीन जैसे देशों में भी माओवाद है, लेकिन वहां सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता शून्य है, क्या वे ऐसा राज्य चाहते हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति बहुत ही अच्छी है. इसे बेहतर बनाने के लिए वह किसी भी राज्य में जाकर अध्ययन करने को तैयार हैं. लेकिन मुख्य विषय यह है कि न अधिकारियों को समर्पण करना है, न पत्रकारों को, न शासन में बैठे लोगों को और न आमजनों को. समर्पण माओवादियों को करना है और यह पहल उन्हीं के लिए है.
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