28 Maoists Surrender: बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को आज तब एक बड़ी सफलता मिली है जब बस्तर आईजी सुन्दर पी.के सामने 28 सक्रिय नक्सलियों ने सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने वाले ये नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) से जुड़े हुए थे. इन 28 वर्दीधारी नक्सलियों में 19 महिला नक्सली और 9 पुरुष नक्सली शामिल हैं. इस बड़े घटनाक्रम के साथ ही पुलिस-प्रशासन ने दावा किया है कि नक्सलियों की ताकतवर माड़ डिवीजनल कमेटी (MDC) अब लगभग खात्मे की ओर अग्रसर है.
इन नक्सलियों पर कुल 89 लाख का इनाम
इस समूह में सबसे बड़ा नाम कुतुल एरिया कमेटी के डीवीसी सदस्य दिनेश का है, जिसे क्षेत्र में और नक्सल संगठन में पंडी के नाम से जाना जाता था। दिनेश सहित कुल तीन माओवादियों पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था, यानी कुल 24 लाख का इनाम सिर्फ इन तीन पर था। आत्मसमर्पित सभी 28 नक्सलियों पर 89 लाख रुपए का इनाम घोषित था.
हथियारों के साथ पहुंचे एसपी कार्यालय
दिलचस्प ये है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली किसी गुप्त जगह पर नहीं, बल्कि पुलिस के सुरक्षित वाहन में सवार होकर सीधे नारायणपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. ये तस्वीरें बताती हैं कि नक्सल संगठन के भीतर सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और पुनर्वास नीति के प्रति विश्वास बढ़ रहा है.नक्सलियों ने आत्मसमर्पण के दौरान कई हथियार भी सौंपे. जिनमें एक इंसास रायफल, एक एस एल आर (SLR) और एक बारा बोर की रायफल शामिल है. इससे ये भी जाहिर होता है कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडर संगठन के बड़े पदों से जुड़े थे.
माड़ डिवीजनल कमेटी की कमर टूटी
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक ये सामूहिक आत्मसमर्पण एक सामान्य घटना नहीं है. यह सीधे तौर पर नक्सली संगठन की माड़ डिवीजनल कमेटी को मिले सबसे बड़े झटकों में से एक है. अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों में सक्रिय यह डिवीजन कमेटी पिछले कुछ समय से सुरक्षा बलों के सघन ऑपरेशन और शीर्ष कैडर के मारे जाने या आत्मसमर्पण करने के कारण लगातार कमजोर हो रही थी. सर्च रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में माओवादी संगठन के भीतर सशस्त्र संघर्ष को त्यागने और शांति प्रक्रिया में शामिल होने के संबंध में आंतरिक चर्चा चल रही थी.यहां तक कि माड़ डिवीजनल कमेटी ने स्वयं एक पत्र जारी कर हथियार डालने की घोषणा की थी. 28 नक्सलियों का सामूहिक समर्पण इसी ओर इशारा करता है.
विकास की राह पर लौट रहे नक्सली
पुलिस के अनुसार, शासन की कठोर नक्सल उन्मूलन नीति और जनकल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के कारण नक्सली अब मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, समर्पित नक्सलियों को जल्द ही शासन की पुनर्वास नीति के तहत सभी आवश्यक लाभ दिए जाएँगे ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें, बस्तर आईजी सुन्दर पी. ने जोर देकर कहा कि जो लोग अभी भी हिंसा के मार्ग पर हैं, उनके लिए शांति की राह अपनाना ही एकमात्र सही विकल्प है.
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