मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: SIT ने पेश की 1241 पन्नों की चार्जशीट, ठेकेदार समेत चार लोगों को बनाया आरोपी

Mukesh Chandrakar murder case: छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में एसआईटी ने कोर्ट के सामने अपनी चार्जशीट पेश की. जानें इस आरोप पत्र में कौन-कौन से तथ्य शामिल किए गए हैं...

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Mukesh Chandrakar murder case: छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में एसआईटी ने कोर्ट के सामने अपनी चार्जशीट पेश की. एसआईटी ने केस डायरी सहित 1241 पन्नों का आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया है. इस मामले में सुरेश चंद्रकार, दिनेश चंद्रकार, रितेश चंद्रकार और महेन्द्र रामटेके को आरोपी बनाया गया है. 

चार्जशीट में दावा किया गया है कि  घटना के मास्टर माइंड सुरेश चन्द्रकार के द्वारा पत्रकार मुकेश चन्द्रकार की हत्या की योजना बनाई गई थी. वहीं इसमें हत्या की वजह भी बताई गई है. इसके अनुसार, आरोपी ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार और उनकी साथियों के द्वारा नेलसनार- मिरतूर -गंगालूर सड़क निर्माण कार्य में अनियमित्ता के सम्बंध में बनाए गए समाचार हत्या का मूल कारण बना. 

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दो भाइयों के साथ मिलकर बनाई हत्या की योजना...

एसआईटी ने दावा किया कि अपने दो भाईयों और सुपरवाईजर के साथ मिलकर ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार ने हत्या की योजना ने बनाई थी. पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपियों के द्वारा हत्या करने के बाद शव को सेप्टिक टेंक में डालकर, फ्लोरिंग करवा दिया गया था. 

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72 घंटों के भीतर हुई थी चार आरोपियों की गिरफ्तारी

72 घंटों के भीतर पुलिस ने तत्परता से चारो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. एसआईटी ने बताया कि प्रकरण में फारेंसिक टीम द्वारा वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर की गई विवेचना पूर्ण हो गई है. मामला के गवाह सूची में 72 गवाहों को शामिल किया गया. बारिकी से विवेचना कार्यवाही करते हुए फिजिकल एवं डिजीटल साक्ष्य जुटाये गये. विवेचना के दौरान घटनास्थल और आरोपियों से जप्त प्रदर्शों की एडवांस फॉरेंसिक जांच व DNA (डीएनए) जांच कराई गई. साथ ही घटना स्थल से मिले सबूत एवं गवाहों के बयान तथा आरोपियों से की गई पूछताछ के अनुसार क्राईम सीन रिक्रिएशन किया गया. 

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1241 पन्नों की चार्जशीट 

हत्या मामले में SIT द्वारा 18 मार्च को केस डायरी सहित 1241 पन्नों की चार्ज शीट न्यायालय में पेश किया गया. SIT टीम प्रभारी बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक गुर्जर की ओर से जानकारी दी गई कि SIT टीम के द्वारा विवेचना के दौरान चारों आरोपीगण के खिलाफ बीएनएस की धारा 103(1), 238(क), 61(2)(क), 239, 249, 3(5) का अपराध कारित करने का सबूत पाये जाने पर अभियोग पत्र प्रस्तुत कर आरोपियों के इस अमानवीय कृत्य के लिए अधिकतम दण्ड देने के लिए न्यायालय में मजबूती से पैरवी की जाएगी. 

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