शिक्षा विभाग में गजब फर्जीवाड़ा! न महिला ने नौकरी की, न युवक था बेटा... फिर भी मिल गई अनुकंपा नियुक्ति

Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा शिक्षा विभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां एक व्यक्ति को फर्जी अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी. जांच में पता चला कि नियुक्ति पाने वाला व्यक्ति मृतका का बेटा नहीं था और मृतका ने कभी शिक्षा विभाग में नौकरी नहीं की थी. अब इस मामले में जांच चल रही है और नियुक्ति निरस्त कर दी गई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
एमपी में गजब फर्जीवाड़ा
ndtv

MP News: मध्य प्रदेश के रीवा शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. एक व्यक्ति को उसकी मां की मौत के बाद फर्जी नियुक्ति दे दी गई. जबकि मां ने कभी शिक्षा विभाग में नौकरी ही नहीं की थी. उससे भी बड़ी बात, नियुक्ति पाने वाला उस मां का बेटा ही नहीं है. इसका सीधा सा अर्थ है, शुरू से अंत तक केवल फर्जीवाड़ा...

रीवा शिक्षा विभाग ने एक ऐसे व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति दे दी जिनके परिजन ने कभी भी शिक्षा विभाग में नौकरी ही नहीं की थी. दरअसल, एक व्यक्ति बृजेश कोल ने अपनी नकली मां स्वर्गीय बेला कली कोल को सहायक शिक्षक बताकर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए और लेकर पहुंच गया जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में, जहां पर कागजात की जांच करके उसको नियुक्ति दे दी गई. जबकि बृजेश कोल बेलाकली कोल का बेटा ही नहीं है. जब मामला खुला तब उस व्यक्ति की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया. 

बता दें कि रीवा का शिक्षा विभाग हमेशा फर्जीवाड़ा को लेकर चर्चा में रहता है, इस विभाग में आए दिन कुछ ना कुछ ऐसी खबरें बन जाती है, जो चर्चा में आ जाती है. पिछले दिनों स्कूल में प्याज का मामला ठंडा नहीं हुआ था, कि एक और मामला निकलकर सामने आ गया. 

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, बृजेश कोल पिता शिवचरण कोल निवासी ग्राम पोस्ट परासिया तहसील त्योहार नाम के व्यक्ति ने अपनी नकली मां बनाई. नाम दिया बेला कली कोल. उसके बाद उसने मां बेला कली कोल को सहायक शिक्षक के पद पर बताते हुए, 16 मई 2023 को उनकी मृत्यु साबित कर दी. इसके बाद अपने फर्जी दस्तावेज बनवा लिए और बेला कली कोल का नकली बेटा बन जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में पहुंच गया. कागजात के आधार पर उसने शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति हासिल कर ली और चपरासी के पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जौडौरी विकासखंड गंगेव में पदस्थ हो गया. जबकि उसकी नकली मां बेला कली कोल ने कभी भी शिक्षा विभाग में नौकरी नहीं की थी. 

Advertisement

क्या बोले अधिकारी? 

मामला सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने बृजेश की नियुक्ति निरस्त कर दी है और मामले की जांच हो रही है. इस मामले में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल, जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता का साफ तौर से कहना है कि बृजेश कोल ने कूट रचित दस्तावेज बिल्कुल असली की तरह बनवाए थे. देखने से कहीं भी नहीं लग रहा था, कोई कागजात नकली है. ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि शिक्षा विभाग में जिस टेबल पर अनुकंपा नियुक्ति के पेपर देखे जाते हैं, वहां पर लंबे समय से ऐसे लोगों की नियुक्ति है, जो असली कागजात लाते हैं उनको भी नियुक्ति पाने में सालों लग जाता है. लेकिन इस व्यक्ति को केवल 2 साल से भी कम समय में नियुक्ति दे दी गई.

यह भी पढ़ें-  Khandwa Gang Rape पर कांग्रेस ने अपनाया आक्रामक रुख, विक्रांत भूरिया बोले CM के पास बोलने का समय नहीं, महिला आयोग भी गायब

Advertisement
Topics mentioned in this article