Chhattisgarh News : मौत के मुंह से बचकर लौटी है एक 11 साल की मासूम बच्ची. बच्ची के पहाड़ी से नीचे गिरने के बाद एक दम से सांसे थम गईं थी कि क्या 150 फिट की गहरी खाई में गिरने के बाद बच्ची बच पाएगी? डर था और खौफ भी. लेकिन कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके न कोय....
दरअसल, छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल रामगढ़ की पहाड़ी से तकरीबन 150 फीट नीचे एक 11 साल की बच्ची के गिरने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि घटना उस वक्त हुई जब बच्ची मंदिर में दर्शन करने जा रही थी. तभी जंगली बंदरों ने उसके ऊपर हमला कर दिया जिससे वह पहाड़ी से नीचे जा गिरी. स्थानीय लोगों ने वन विभाग, पुलिस को इस सूचना दी जिसके बाद एक रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए 150 फिट पहाड़ी के नीचे से बचा लिया गया. बच्ची के पैर में फ्रैक्चर है.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया
इसके साथ ही शरीर में कुछ छोटी भी लगी है. घायल बच्ची को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर में दाखिल कराया गया जहां से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया.घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि सूरजपुर जिले के रहने वाले कलेश्वर राजवाड़े अपने परिवार रामगढ़ दर्शन करने आया था. उनके साथ उनकी 11 वर्ष की पुत्री बाबी राजवाड़े भी थी रामगढ़ दर्शन के बाद पहाड़ी से वापस आने के दौरान अचानक बंदरों की झुंड ने 11 वर्षीय बाबी के ऊपर हमला कर दिया, जिससे बच्ची पहाड़ी से नीचे जा गिरी.
बच्ची का एक पैर फैक्चर
घटना की जानकारी जैसे ही स्थानीय लोगों को हुई तो उन्होंने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग और थाना में दी, जिसके बाद पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. SDRF की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया. करीब तीन घंटे के बाद रेस्क्यू टीम घायल बच्ची के पास पहुंची. बच्ची को अब पहाड़ी के ऊपर लाया गया. इस घटना में घायल बच्ची का एक पैर फैक्चर होने के साथ शरीर में चोटें आई हैं.
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जंगली बंदरों को नियंत्रित कब करेंगे
घायल बच्ची को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर में दाखिल कराया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर कर दिया गया. गौरतलब है कि रामगढ़ पहाड़ी से लगातार किसी बच्चे के नीचे गिरने की यह दूसरी घटना है. इसके बावजूद वन विभाग के द्वारा जंगली बंदरों को नियंत्रित करने में की दिशा अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.
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