MCB जिले के गांव की हालत खराब, एक घंटे में निकल रहा है सिर्फ एक बाल्टी पानी...जलावर्धन योजना और बोर बने सफेद हाथी

Drinking Water Problem: विधानसभा चुनाव से पहले एमसीबी जिले के तात्कालीन कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा ने गांव का दौरा किया था. इस दौरान उन्हें ग्रामीणों ने जानकारी दी थी कि गांव से नगर पंचायत झगराखंड में जलावर्धन योजना से पानी जा रहा है, लेकिन यहां के ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है

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Chhattisgarh: मनेंद्रगढ़ - मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB District) जिले के नगर पंचायत झगराखंड से लगे गांव पंचायत तेंदूडांड में लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जलावर्धन योजना के तहत पंप हाउस, फिल्टर प्लांट और हसदेव नदी में डैम का निर्माण सब तेंदूडांड में किया गया था. यहां से पानी झगराखंड नगर पंचायत में जा रहा है, लेकिन तेंदूडांड के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. पानी के लिए यहां के लोग साल भर प्राकृतिक जलस्रोत पर ही निर्भर हैं.

एक घंटे में निकल रहा है एक बाल्टी पानी

आपको बता दें कि ग्राम पंचायत तेंदूडांड में 40 घर हैं, जहां जलावर्धन योजना के तहत पंप हाउस, फिल्टर प्लांट और सेटलिंग प्लांट का निर्माण किया गया है. वहीं, दूसरे स्थान पर 30 घर हैं. दोनों ही स्थानों पर पेयजल की समस्या है. गांव में दोनों स्थानों को मिलाकर पंचायत के द्वारा 12 से अधिक बोर कराए गए हैं, लेकिन 2-4 बोर को छोड़कर सारे खराब हो चुके हैं. वहीं, जो 2-4 बोर चल रहे हैं, गर्मी की वजह से उनका जल स्तर गिर चुका है, इसलिए लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. हालत यह है कि यहां 1 घंटे में एक बाल्टी पानी ही पंप से निकल रहा है. ऐसे में पानी के लिए तेंदूडांड के ग्रामीणों को रोजाना जद्दोजहद कर रहे हैं.

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जलावर्धन योजना का नहीं मिल रहा है लाभ

विधानसभा चुनाव से पहले एमसीबी जिले के तात्कालीन कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा ने गांव का दौरा किया था. इस दौरान उन्हें ग्रामीणों ने जानकारी दी थी कि गांव से नगर पंचायत झगराखंड में जलावर्धन योजना से पानी जा रहा है, लेकिन यहां के ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने जलावर्धन योजना से गांव में पेयजल सप्लाई करने और समस्या का समाधान करने की मांग की थी. तेंदूडांड में जल जीवन मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाने के लिए टेंडर हुए एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

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गांव के लोग निस्तार के लिए हसदो नदी पर आश्रित हैं, लेकिन पेयजल के लिए कुछ घरों के लोग गेल्हाझिरिया प्राकृतिक जल स्रोत पर निर्भर है. गांववासी यासान मोहम्मद ने बताया कि 12 महीने इस प्राकृतिक जल स्रोत से गांव की प्यास बुझती हैं, लेकिन बारिश के दिनों में यह पूरी तरह डूब जाता हैं. ऐसे में पानी के लिए यहां के लोगों को डेढ़ से 2 किमी दूर नगर पंचायत झगराखंड जाना पड़ता है.

पाइप लाइन की लीकेज से भरते हैं पानी

ग्रामीण रमाशंकर ने बताया कि कुछ लोग झगराखंड में पेयजल सप्लाई के लिए बिछाए गए पाइप लाइन के लीकेज से पानी भरते हैं. तेंदूडांड के दूसरे हिस्से में 30 के आसपास घर हैं. यहां की सनपतिया, तेरसिया और माघुनिया पाव ने बताया कि यहां के लोग पेयजल के लिए रोजाना करीब 1 किमी दुर्गम रास्तों को तय कर नगर पंचायत नई लेदरी में मगरदहा नाला के पास स्थित बोर से पानी लाते है. पीएचई विभाग के एसडीओ आकाश पोद्दार ने कहा कि ठेकेदार ने काम करने से इंकार कर दिया है अब दोबारा टेंडर की प्रक्रिया की गई है.

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