Rajim Kumbh: मकर संक्रांति पर छत्तीसगढ़ के प्रयाग में उमड़ा मेला, त्रिवेणी संगम में लगी आस्था की डुबकी

Makar Sankranti 2025: छत्तीसगढ़ दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र था, जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में मिलता है. छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कही जाने वाली पवित्र धर्मनगरी राजिम के त्रिवेणी संगम एक आध्यात्मिक स्थल है, जहां महान नदियों का संगम होता है.

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Makar Sankranti 2025: राजिम त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी

Makar Sankranti 2025: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh ) का राजिम (Rajim) अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और खूबसूरत प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. यहां तीन नदियों महानदी (चित्रोत्पला), पैरी और सोंढुर का पवित्र संगम है, जिसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है. राजिम को छत्तीसगढ़ का “प्रयाग” (Pryagraj) भी कहा जाता है. हर साल देश भर से साधु-संत कुंभ (Rajim Kumbh) मेले में आते हैं, जो माघ पूर्णिमा से शुरू होकर महाशिवरात्रि (Mahashivratri) तक चलता है. वहीं गरियाबंद के राजिम त्रिवेणी संगम में मकर संक्रांति पर आस्था का महासंगम देखने को मिल रहा है. हजारों श्रद्धालु महानदी, पैरी और सोंढूर के पवित्र संगम में पुण्य स्नान कर धर्म लाभ अर्जित कर रहे हैं. रेत से शिवलिंग निर्माण, दीपदान और सूर्य अर्घ्य के साथ भगवान राजीव लोचन और कुलेश्वर महादेव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है.

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राजिम संगम : एक पौराणिक दिव्यता

धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह वही स्थान है जहां भगवान विष्णु ने राजीव लोचन स्वरूप में विराजमान होकर देवताओं को दर्शन दिए थे. स्कंद पुराण में इसे तीर्थों का संगम कहा गया है. कहा जाता है कि इस स्थान पर स्नान करने से मनुष्य को वही पुण्य प्राप्त होता है, जो प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान करने से मिलता है.

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लोककथाओं के अनुसार, त्रेतायुग में श्रीराम ने वनवास काल के दौरान इस संगम में स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया था. मकर संक्रांति के दिन यहां स्नान, दान और तप का विशेष महत्व बताया गया है. स्नान के बाद श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

राजिम कुंभ की तैयारियां शुरू

मकर संक्रांति के साथ ही 12 फरवरी से राजिम कुंभ कल्प का शुभारंभ होगा, जो छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है. यह कुंभ संतों, महात्माओं और भक्तों की संगम स्थली बनता है, जहां अध्यात्म, साधना और धर्म की गूंज सुनाई देती है.

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श्रद्धालुओं की जुबानी: यह सिर्फ स्नान नहीं, आत्मशुद्धि का अवसर

त्रिवेणी संगम में स्नान कर रहे श्रद्धालुओं का कहना है कि यह जल सिर्फ जल नहीं, बल्कि जीवन को शुद्ध करने वाली एक दिव्य शक्ति है. कई श्रद्धालुओं ने बताया कि राजिम संगम की यात्रा उन्हें मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल देती है. यह सिर्फ एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और दिव्यता का मिलन बिंदु है. यहां हर वर्ष मकर संक्रांति पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ यह साबित करती है कि प्राचीन मान्यताएं आज भी लोगों के जीवन का अहम हिस्सा हैं.

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