शिक्षा का आदर्श मॉडल बन चुका है ये सरकारी स्कूल, यहां सुविधाएं किसी प्राइवेट से कम नहीं है

Mahatma Gandhi Government Higher Secondary School of Khandsara: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के खण्डसरा का यह स्कूल एक उदाहरण है कि यदि शिक्षक चाहें तो सरकारी स्कूलों को भी उत्कृष्ट बनाया जा सकता है. सीमित संसाधनों में भी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है, बस ज़रूरत है, तो एक सकारात्मक सोच, टीमवर्क और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के प्रति समर्पण की.

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Government School of Bemetra: अक्सर जब हम ‘सरकारी स्कूल' का नाम सुनते हैं, तो मन में अव्यवस्था, संसाधनों की कमी और शिक्षण की धीमी गति जैसे दृश्य उभरते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले का महात्मा गांधी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, खंडसरा इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है. यह स्कूल यूं तो सरकारी है, पर यहां की व्यवस्था, सुविधाएं और शिक्षा का स्तर किसी प्रतिष्ठित निजी स्कूल को टक्कर देता है.

छात्रों की सोच और सपनों को आकार दे रहा यह स्कूल

जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित यह स्कूल पिछले छह वर्षों से निरंतर बदलाव और नवाचार की मिसाल बना हुआ है. शिक्षकों की प्रतिबद्धता और सकारात्मक दृष्टिकोण ने इस विद्यालय को एक ऐसा मंच बना दिया है, जहां से छात्र सिर्फ 12वीं पास नहीं करते, बल्कि जीवन की दिशा तय करने का आत्मबल लेकर निकलते हैं.

575 छात्रों के लिए सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी और ई-लर्निंग की व्यवस्था

यहां कक्षा 9वीं से 12वीं तक के कुल 575 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. बच्चों के लिए विषय आधारित पुस्तकों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु अलग से एक विशेष लाइब्रेरी रूम तैयार किया गया है. इस लाइब्रेरी में कंप्यूटर की मदद से ऑनलाइन अध्ययन की भी सुविधा उपलब्ध है, जो छात्रों को डिजिटल युग की शिक्षा से जोड़ती है.

आईटी और कृषि विषय से जोड़ता है व्यावसायिक शिक्षा का मॉडल

वर्तमान शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा अत्यंत आवश्यक हो गई है. इस जरूरत को समझते हुए खण्डसरा स्कूल में आईटी (कंप्यूटर शिक्षा) और एग्रीकल्चर जैसे विषयों को पढ़ाया जा रहा है. आईटी रूम में छात्र कंप्यूटर की मदद से नई तकनीक सीखते हैं. वहीं कृषि विषय में प्रायोगिक जानकारी लेकर वे आधुनिक खेती की विधियों को अपनाते हैं.

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कृषि प्रधान क्षेत्र में कृषि शिक्षा की विशेष भूमिका

चूंकि बेमेतरा एक कृषि प्रधान जिला है और अधिकतर छात्र किसान परिवारों से आते हैं. इसलिए इस स्कूल में कृषि को खास महत्व दिया जाता है. बच्चों को खाद-बीज की तैयारी, मशीनों का उपयोग और फसलों की देखरेख जैसे विषयों की जानकारी प्रैक्टिकल प्रशिक्षण के जरिए दी जाती है. विशेषज्ञों के माध्यम से फसल की बीमारियों और समाधान की भी विस्तृत जानकारी दी जाती है.

सुरक्षा और अनुशासन के लिए सीसीटीवी निगरानी

स्कूल की सभी कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे स्कूल के संचालन और अनुशासन पर नजर रखी जा सके. यह प्रणाली न सिर्फ पारदर्शिता को बढ़ाती है, बल्कि शिक्षकों व छात्रों की गतिविधियों की निगरानी से शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर होती है.

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एलईडी टीवी और स्मार्ट क्लासरूम से जुड़ते हैं देश-विदेश के विशेषज्ञ

बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ने के लिए स्कूल में एलईडी टीवी से सुसज्जित स्मार्ट क्लासरूम भी तैयार किया गया है. इसमें भारत और विदेश के शिक्षक बच्चों को नई शिक्षा नीति, तकनीक, करियर विकल्प और प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी देते हैं.

कुछ चुनौतियां भी, लेकिन समाधान की दिशा में पहल

हालांकि, स्कूल को क्लास रूम  और शिक्षकों की कमी जैसी समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं, लेकिन शिक्षक और पालक समिति मिलकर इन चुनौतियों से लड़ रहे हैं. हर महीने पालक समिति की बैठक आयोजित कर स्कूल के संचालन की निगरानी और सुधार किया जाता है.

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इस स्कूल की सबसे बड़ी खासियत है यहां के शिक्षकों की सोच और मेहनत. सीमित संसाधनों में भी कुछ नया और बेहतर करने की चाहत ने इस स्कूल को एक अलग पहचान दी है. आज इस विद्यालय से निकलने वाले छात्र प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रवेश लेकर अपने भविष्य को संवार रहे हैं.

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